स्वर्णिम नव जीवन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है

अक्सर हम देखते हैं कि लोग किसी का मनोबल तोड़ने के लिए पिछले जीवन की गलतियों को उछालने लगते हैं । कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति किसी विवशता या अज्ञानतावश गलतियाँ कर लेता है लेकिन वह आगे चलकर समाज व राष्ट्र के लिए कई ऐसे कार्य कर देता है जो सामान्य धार्मिक व शरीफ लोग नहीं कर पाते जीवन पर्यंत । जैसे वाल्मीकि । मैं यह नहीं कहता कि कीचड़ उछालने वाले हमेशा गलत ही होते हैं, हमारी न्यायप्रणाली ही ऐसी है कि जब निर्णय आता है तब तक व्यक्ति भूल ही जाता है कि उसकी गलती क्या थी ।
समाज किसी को सुधारने से ज्यादा सजा को महत्व देता है क्योंकि वे जानते हैं कि जब सदियों से हम नहीं सुधरे तो कोई और कैसे सुधर सकता है । इसलिए जो पकड़ा गया वह चोर नहीं तो सभी संत हैं । शायद सजा अनाड़ीपन के लिए दिया जाता है न कि सुधार के लिए । ताकि भविष्य में किसी से चूक न हो और पकड़ा न जाए । यही कारण है कि नए नए कानून बनते हैं और नए नए अपराध सामने आते जाते हैं । कानून कठोर से कठोरतम होते जाते हैं और अपराध क्रूर से क्रूरतम व वीभत्स होते जा रहें हैं । अपराध तब भी होते थे जब पुलिस और अदालतें नहीं होते थे और आज भी जब सबकुछ है । तब न्याय करना एक सामाजिक कार्य हुआ करता लेकिन आज प्रोफेशन । आज न्याय अन्याय को समाप्त करने के लिए नहीं किया जाता, न्याय के नाम पर व्यवसाय होता है ।
तो यह ध्यान रखें कि यदि आपसे कोई अपराध हो गया है और आप पकडे नहीं गये हैं तो यह मत समझिये कि आप बच गए । क्योंकि आप सबकी नज़रों को धोखा दे सकते हैं लेकिन अपनी ही नजर को धोखा कैसे दे सकते हैं ? अपने आत्मा को धोखा कैसे दे सकते हैं ? इसलिए निश्चिन्त हो जाइए समय आने पर आपको परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा यदि आपने प्रायश्चित नहीं किया तो । ईश्वर आपको पूरा समय देता है सुधार करने के लिए क्योंकि उसे किसी वकील की तरह आपसे पैसा नहीं कमाना होता । वह आपसे प्रेम करता है इसलिए आपके कई जन्मों तक सुधरने की प्रतीक्षा करता है ।
इसलिए आप उन रास्तों पर चलिए जो जनकल्याण से सम्बंधित हैं और जिसमें लाभ की सम्भावना सबसे कम या न के बराबर हो । इस प्रकार आपका प्रायश्चित भी हो जाता है और यदि सजा मिलती भी है तो वह हिसाब किताब इसी जन्म में समाप्त हो जाता है और आप अगले जन्म में पिछले जन्म के पापों के बोझ से मुक्त होकर पूरी तरह नवीन जीवन आरम्भ करते हैं और अपराध बोध से मुक्त रहते हैं ।
यदि आपने कोई ऐसा कार्य आरम्भ कर लिया है जो समाज या राष्ट्र के हितार्थ है और आपके कोई मित्र या शत्रु आपका मनोबल तोड़ने के लिए आपके जीवन की कुछ कमजोरियों को सामने लाने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहें हैं तो स्वयं सामने आकर सामाज के सामने अपनी कमजोरियों को रख दीजिये और समाज को अपना फैसला करने दीजिये । परिणाम अच्छा हो या बुरा आप की आत्मा एक बहुत बड़े भार से मुक्त हो जायेगी और फिर आपको मृत्यु भी मिले तो आप भयभीत नहीं होंगे क्योंकि आत्मा जानती है कि केवल चोला बदलेगा और आपका स्वर्णिम नव जीवन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है ।
-विशुद्ध चैतन्य
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