Similar Posts

प्रातिक्रिया दे

2 Comments

  1. किसी भी सिद्धांत की रक्षा अनुयायी के बलिदान ओर उसके पृति कर्तव्य निष्ठा से होती हैं. चाहे आप देश के पृति लागू करे या संस्थान के पृति ।ठगी तो हरेक छेत्र में है जागरूक तो सच्चे आदमी रहगे तो ठीक नहीं तो दूसरा वर्ग अपना कार्य करेगा आप लेख लिखते रहो ।गाडी अपने ढर्रे पर चलती रहेगी ।जो कार्य कृत्यों से होना हैं वह लेखो से नहीं होगा ।

    1. मैं केवल लिख ही नहीं रहा हूँ, आवश्यक कदम भी उठा रहा हूँ | जिसकी वजह से ट्रस्टी, अध्यक्ष और उनके शुभचिंतक सहमें हुए हैं और मुझे धमकियाँ भी दिलवाई जा रहीं हैं |