प्रायोजित सरकारी महामारी से आतंकित वैज्ञानिक सोच के अंधविश्वासी

वैज्ञानिक सोच के अंधविश्वासी मानते हैं कि ईश्वर में कोई शक्ति नहीं होती किसी को बीमारी से बचाने की। और न ही इंसान के भीतर कोई शक्ति होती है स्वयं की रक्षा करने की बीमारियों से। आज यदि इंसान ज़िंदा है तो केवल साइंटिस्ट्स, डॉक्टर्स, फार्मा माफिया और प्रायोजित सुरक्षा कवच से।
अर्थात साइंटिस्ट और डॉक्टर ही ईश्वर हैं, उन्हीं की कृपा और दया से हम जीवित हैं। यदि ये लोग नहीं होते, तो अरबों खरबों वर्ष पहले ही हमारा आस्तित्व लुप्त हो जाता प्रायोजित सरकारी महामारी के प्रकोप से।
साइंटिफिक सोच के पढ़े-लिखों का अंधविश्वास इतना गहरा है कि मीडिया बता दे सात लोग प्रायोजित सरकारी महामारी से मारे गए, तो इनकी सांसें अटक जाती है, अस्पतालों के चक्कर लगाने लगते हैं, डॉक्टर्स और साइंटिस्ट्स को पूजने लगते हैं।
लेकिन इन्हें बताओ कि लाखों लोग प्रायोजित सरकारी महामारी का सुरक्षा कवच लेकर कार्डियक अरेस्ट और ब्रेन हेमरेज से मर रहे हैं, तो कहेंगे अफवाह है, बकवास कर रहे हो। भला सुरक्षा कवच लेकर भी कोई मरता है क्या ? फिर तो जितने पुलिस और सेना के लोग बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं, सभी मर जाने चाहिए ?
और यही साइंटिफिक सोच के पढ़े-लिखे न तब पूछे थे और न अब पूछ रहे हैं कि प्रायोजित महामारी के सुरक्षा कवचधारी कोई सरकारी महामारी से संक्रमित नहीं होगा, इसकी लिखित गारंटी क्यों नहीं दी जा रही ?
बस मान लिया कि नाले की गैस से चाय बनाकर पीने वाले साइंटिस्ट्स और सरकारों ने कहा है, तो सही ही कहा होगा। और यही लोग दूसरों को अंधविश्वासी, धर्म को बकवास, ईश्वर को काल्पनिक बताकर आस्तिकों का मजाक उड़ाते फिरते हैं।
क्या आप जानते हैं डॉक्टर लोग जो अपनी पर्ची में Rx लिखते हैं, भाव वही होता है जो धार्मिक लोग अपनी चिट्ठी-पत्री लिखते समय सबसे ऊपर “ॐ” या “ॐ नमः शिवाय” लिखते हैं। दूसरे शब्दों में कहूँ तो जो दवाइयाँ आपको लिखक्कर दी गयी है, वह विज्ञानभरोसे बिलकुल वैसे ही जैसे ईश्वर/अल्लाह/भगवान/बाबा/नेता/सरकार भरोसे है। आप ठीक हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। ठीक हो गए तो Medical Science is Great और नहीं हुए तो दवा बदलनी पड़ेगी।
~ विशुद्ध चैतन्य
Why Do We Use ‘Rx’ for Medicine?

the sign began 5,000 years ago in Egypt. At that time, people prayed to Horus, the god of the Sun. Legend says that when Horus was a child, Seth, the demon of evil, attacked him.
When Seth put out the eye of the young Horus, the mother of Horus called for help. Thoth, the god of learning and magic, answered her cries. With his wisdom and special powers, Thoth healed the eye of Horus and the child was able to see again.
The ancient Egyptians used a picture of the eye of Horus as a magic sign to protect themselves from disease, suffering and evil.
Long after the collapse of ancient Egypt, doctors and scientists in Europe continued to use the sign. But over the years, it changed from the eye of Horus to the sign for Jupiter, the chief god of the Romans. Jupiter’s sign looked much like the printed number “four.”
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