शैतानों द्वारा निर्मित आजीवन युवा रहने की बूटी: प्रायोजित सुरक्षा कवच

स्वर्ग, जन्नत और हेवेन के प्रमुखों के बीच हुई थी गुप्त मंत्रणा सन 2006 में। जिसकी जानकारी मेरे विशेष गुप्तचरों ने कल रात स्वप्न में दी। मैंने पूछा कि 2006 की सूचना मेरे पास इतनी देर से पहुँचने का कारण क्या है ?
तो उन्होंने बताया कि स्वर्गलोक, नर्कलोग, जन्नत, दोज़ख, हेवेन, हेल सभी जगह लॉकडाउन लगा दिया गया था। कहा गया था कि जब पूरे विश्व की जनता को प्रायोजित सुरक्षा कवच नहीं चेप दिया जाता, तब तक कोई भी पृथ्वीलोक नहीं जा सकता और न ही एक से अधिक व्यक्ति एक स्थान पर खड़े होकर मंत्रणा सकते हैं।
मैंने पूछा कि मंत्रणा का विषय और उद्देश्य क्या था ?
गुप्तचरों ने बताया कि मंत्रणा का विषय बहुत गंभीर था। लाखों वर्षों से पृथ्वी से केवल उन्हें ही उठाया जाता रहा है, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका होता था, शरीर निर्बल, जर्जर और निस्तेज हो चुकी होती थी और जिनका भौतिक शरीर डॉक्टर, अस्पतालों और बिस्तरों पर निर्भर रह जाता था। वहाँ इन्हें कोई कार्य तो करना नहीं होता था, केवल स्तुति-वंदन, कीर्तन-भजन और जय-जय करना होता था।
चूंकि शरीर ही नष्ट होता था, आत्मा तो युवा ही रहती है, इसीलिए उनके साम्प्रदायिक मान्यताओं के अनुसार स्वर्ग, जन्नत या हेवेन में लाया जाता था। यहाँ इन्हें केवल स्तुति, वंदन, भजन-कीर्तन, रोज़ा-नमाज करना होता है और बाकी समय अश्वर्य भोगने मिलता है पुरस्कार स्वरूप। इन्हें दुनिया भर की विलायती शराब, कबाब, शबाब दिया जाता था। सभी संप्रदायों के पुरुषों को एक या दो अप्सराओं से काम चल जाता है, लेकिन इस्लामिक पुरुषों को 72 हूरें उपलब्ध करवानी पड़ती हैं। कुछ लोग देसी नहीं पीते, केवल विलायती ही चाहिए उन्हें, तो इन सबमें खर्चा भी बहुत हो होता है।
बहुत सी आत्माओं ने शिकायत की कि वे वृद्ध नहीं होना चाहते थे, आजीवन जवान ही रहना चाहते थे। ताकि स्वर्ग या जन्नत जहाँ भी पहुँचे वे सारी सुख सुविधाओं का भरपूर उपभोग कर सकें। उन्हें लगता है कि यदि बूढ़े हुए बिना मरते तो अधिक एंजॉय करते, स्वर्ग, जन्नत या हेवन में। इस विषय को लेकर कई बार स्वर्ग, जन्नत और हेवेन में बहुत बड़े-बड़े आंदोलन और घेराओ भी हुआ।
समस्या की गंभीरता देखकर स्वर्ग, जन्नत और हेवन के प्रमुखों ने विशेष मंत्रणा बुलाई और उसमें निर्णय लिया गया कि ऐसा उपाय खोजा जाए कि मानव तब तक जवान रहेगा, जब तक मृत्यु न हो जाये। इससे स्वर्ग में युवा मानसिकता की आत्माओं की संख्या बढ़ेगी और युवा मानसिकता की आत्माएँ आएंगी तो भजन कीर्तन, ध्यान योग भी डीजे बजाकर किया करेंगे। जिससे स्वर्ग, जन्नत और हेवेन के वृद्ध मानसिकता वाली आत्माओं के खून में भी उबाल आएगा। युवाओं के आने से वहाँ के कल्चर में भी आधुनिकता आएगी।
लेकिन फिर समस्या यह आयी कि कोई भी देवदूत, फरिश्ता किसी युवा व्यक्ति की हत्या करने के लिए राजी न हुआ। सभी ने कहा कि ईश्वरीय संविधान के अनुसार केवल उन्हें ही पृथ्वी से बुलाया जा सकता है, जिनके बॉडी पार्ट्स बेकार हो चुके हों और वह पृथ्वी पर कोई भी कार्य कर पाने में अक्षम हो चुका हो। तब नर्क, दोज़ख और हेल के प्रमुखों को बुलाया गया कि तुम लोग हमारी इस पुण्य योजना में सहयोग करो।
नर्क, दोज़ख और हेल के प्रमुखों ने शैतान को यह दायित्व सौंपा और शैतान ने एक टीम तैयार की जो प्रायोजित महामारी का आतंक फैलाएगी, और प्रायोजित सुरक्षा कवच बनाकर जनता को चेपेगी। इस सुरक्षा कवच में विशेष संजीवनी बूटी मिलाया जाएगा, जिससे मानव मरते दम तक वृद्ध नहीं होगा। मानव हँसते-खेलते, नाचते, गाते दुनिया से विदा लेगा। यदि यह योजना कार्यान्वित हो गयी, तो न पृथ्वी में कोई वृद्ध नजर आएगा ना ही स्वर्ग, जन्नत और हेवेन में।
मंत्रणा में उपस्थित सदस्यों ने इस योजना को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी। लेकिन फिर एक और समस्या सामने आ गयी कि पृथ्वी के देशों के राष्ट्राध्यक्ष जनप्रतिनिधि होते हैं। वे अपनी जनता के साथ ऐसा होने नहीं देंगे।
तो हेल के प्रमुख ने कहा कि आप चिंता न करें। अबकी बार जो चुनाव होने, उसमें हम ऐसे नेताओं को सत्ता पर बैठाएंगे, जो सिवाय हमारी कठपुतली के और कुछ नहीं होंगे। उनके पास न तो सही और गलत समझने की विवेक बुद्धि होगी और न ही करुणा, प्रेम और दया होगी मानव जाति के प्रति। उन्हें केवल नौलखा सूट पहनाकर विश्वभ्रमण करने का शौक होगा, तो हम उन्हें दुनिया घुमाते रहेंगे। और यदि फिर भी कोई राष्ट्राध्यक्ष करुणा, प्रेम और दया से युक्त दिखाई देता है, तो उसे उसके रिलीजन के अनुसार नर्क, दोज़ख, या हेल में डाल देंगे।
और फिर योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया। पहले पूरी दुनिया की मीडिया का ईमान, ज़मीर, जिस्म और विवेक बुद्धि खरीदी गयी और और जो बिकने को राजी नहीं हुए, उनपर सीबीआई, ईडी, आईटी की रेड डाली गयी, डराया धमकाया गया। और जो पत्रकार बिकने को राजी नहीं हुआ, उसे नौकरी से निकाला गया या मौत दी गयी।
जब शैतानों द्वारा चयनित राष्ट्राध्यक्षों ने सत्ता संभाली, तब पूरे विश्व भर में लॉकडाउन लगाया गया, मीडिया को व्यस्त कर दिया गया दिन रात प्रायोजित महामारी से जनता को आतंकित करने के लिए। जो शैतान के षडयंत्रों का पर्दाफाश करता, उन्हें शैतानो का गुलाम फ़ैक्ट चेकर फर्जी बताकर ब्लॉक करवा देता था।
इस प्रकार पूरी दुनिया को शैतानों द्वारा बनाई गयी आजीवन युवा रहने की बूटी चेप दी गयी। और जो बच गए हैं, उन्हें बलपूर्वक लगाने की योजना बनाई जा रही है। बाकी आगे जो कुछ हो रहा है वह सब आपके सामने ही है। अब कोई भी मानव आजीवन वृद्ध नहीं होगा, बल्कि नाचते-गाते, हँसते-खेलते दुनिया से विदा होगा।
~ विशुद्ध चैतन्य
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