सरकारें अधिक धूर्त, बेशर्म और मक्कार होती हैं या जनता ?

धूर्त, विश्वासघाती, धन, पद, सत्ता की लोभी और फार्मा माफियाओं की गुलाम राजनैतिक पार्टियों और सरकारों ने प्रायोजित महामारी का आतंक फैलाया और जनता को विवश किया फर्जी सुरक्षा कवच लेने के लिए। फिर सुप्रीमकोर्ट में बेशर्मी से मुकर गयी कि जनता पर किसी प्रकार का कोई दबाव दिया गया फर्जी सुरक्षा कवच लेने का।
फिर भी मूर्ख जनता ऐसी धूर्त, मक्कार सरकारों और राजनैतिक पार्टियों के पीछे नाचती डोल रही है। अब समझ में यह नहीं आ रहा कि राजनैतिक पार्टियां और सरकारें अधिक धूर्त, बेशर्म और मक्कार होती है, या इनके पीछे दौड़ने वाली जनता ?
अब फिर सरकारों ने फार्मा माफियाओं को खुश करने के लिए प्रायोजित महामारी का आतंक फैलाना शुरू कर दिया। और जनता आज भी उसी बेशर्मी से उनके आदेशों का अनुसरण कर रही है। क्या जनता में थोड़ी भी शर्म और स्वाभिमान बाकी नहीं बचा है ?



यदि आप भी फार्मा माफियाओं के चंगुल से मुक्त होना चाहते हैं, और धन, पद, सत्ता के लोभी और फार्मा माफियाओं की गुलाम सरकारों, राजनैतिक पार्टियों, मीडिया और नेताओं, अभिनेताओं के द्वारा जनता से विश्वासघात कर प्रायोजित महामारी का आतंक फैलाने और फर्जी सुरक्षा कवच लेने के लिए विवश करने के कारण फर्जी सुरक्षा कवच ले चुके हैं और अब कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, तो इस फल के जूस का प्रयोग नियमित कर सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का कहना है कि 3 से 6 महीने नियमित सेवन से शरीर पूरी तरह डिटोक्स हो जाता है और फर्जी सुरक्षा कवच का प्रभाव निरस्त हो जाता है।

ध्यान रखें कि यह उपाय उनके लिए नहीं हैं, जो फार्मा माफियाओं को अपना ईश्वर मानते हैं। ये केवल उनके लिए है जो गलती से फार्मा माफियाओं के चंगुल में फंस गए। जो फार्मा माफियाओं को अपना माई-बाप मानते हैं उन्हें इन फलों से दूर ही रहना चाहिए। क्योंकि इन फलों का जूस भी पिएंगे और प्रायोजित माहामारी से आतंकित होकर फार्मा माफियाओं के तलुए भी चाटेंगे….तो कोई लाभ नहीं। बल्कि हानि ही होगी क्योंकि इतने दुर्लभ फल उन लोगों तक नहीं पहुँच पाएंगे जिन्हें वास्तव में इनकी आवश्यकता है, जो फार्मा माफियाओं और विश्वासघाती सरकारों, राजनैतिक पार्टियों और मीडिया के कारण आज जीवन-मरण के बीच झूल रहे हैं।
~ विशुद्ध चैतन्य
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