बरसों तक होमियोपैथी दवाओं से दूर रहा

बरसों तक होमियोपैथी दवाओं से दूर रहा, क्योंकि इन दवाओं के जानकार और डॉक्टर खुद ही बीमार, दुखी नजर आते हैं। कई बार तो ऐसा लगता है कि होमियोपैथिक डॉक्टर से कोई पता वगैरह पूछ लिया किसी का, तो कहेंगे, “बेटा किसी और से पूछ लो, मुझे तो मरे 400 साल हो गए।”
और जब भी कभी होमियोपैथिक दवा किसी ने बताई, वह मुझपर असर ही नहीं करती थी। लेकिन प्रायोजित महामारी युग के आते ही, समझ में आ गया कि एलोपैथी इलाज और दवाएं, कैसे इन्सानों को लूटने और बर्बाद करने का काम करती हैं। कैसे साधारण सर्दी जुकाम को महामारी बताकर लाखों रुपए लूटा जाता है इलाज के नाम पर।
खैर अभी कुछ दिनों पहले मुझे कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ हुईं, तो Sarita जी के पतिदेव Prakash जी ने मुझे कुछ होमिओपैथिक दवाएं बतायीं, जिनसे तुरंत राहत मिला और मैं ठीक भी हो गया। उसके बाद से मैंने होमीयपैथिक दवा का एक सेट बनाकर अपने पास रखने की तैयारी शुरू कर दी। पहले एलोपैथिक दवाएं रखता था, एमर्जेंसी के लिए, लेकिन अब होमिओपैथिक दवाएं रख रहा हूँ।
होमिओपैथिक दवाएं उनके लिए नहीं हैं, जो दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि वे कितने अमीर हैं और कितने महंगे डॉक्टर से कितना महंगा इलाज करवाते हैं। ये दवाएं उनके लिए भी नहीं हैं जो विलायत रिटर्न गोल्डमेडलिस्ट डॉक्टर्स से अपना इलाज करवाते हैं। होमिओपैथिक इलाज और दवाएं केवल उनके लिए है, जो स्वस्थ और निरोगी रहना चाहते हैं।
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