मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !

दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान दिया हुआ है आपके धार्मिक, आसमानी, हवाई, ईश्वरीय ग्रन्थों में। इसीलिए मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !
आपके आराध्य गुरुओं ने समस्त समस्याओं का समाधान बता दिया है अपने प्रवचनों, पुस्तकों के माध्यम से। इसलिए मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !
आधुनिक मोटीवेशनल, फाइनेंशियल गुरुओं के पास समस्त समस्याओं का समाधान है। इसलिए मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !
आपके प्रिय नेताओं, पार्टियों, संगठनों, संस्थाओं के पास समस्त समस्याओं का समाधान है। इसलिए मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !
आपके वैज्ञानिक सोच के पढे-लिखे डिग्रीधारियों के पास समस्त समस्याओं का समाधान है। इसलिए मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !
मैं तो स्वयं एक समस्या हूँ समाज और सरकार के लिए। क्योंकि मैं वह प्रश्न उठाता हूँ, जिसका उत्तर नहीं होता समाज और सरकार के पास। जैसे कि मैंने प्रश्न उठाया था कि जो महामारी सारी दुनिया में हर जगह पहुँच जाती है बिना डरे, वह महामारी दारू के ठेके और राजनैतिक रैलियों के आसपास भी फटकने से क्यों थर्राती थी ?
उत्तर नहीं दे पाये।
मैंने पूछा था कि सर्वशक्तिमान ईश्वर/अल्लाह जो बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान करने की क्षमता रखता है, वह स्वयं प्रायोजित महामारी से अपने भक्तों की रक्षा करने की बजाय अपने दरबार में ताला लगाकर फरार क्यों हो गए थे ?
कोई उत्तर नहीं !
तो मैं वह आईना हूँ जो समाज और सरकार का वह चेहरा दिखाता है, जो बड़े-बड़े वैज्ञानिक सोच के विद्वानों को दिखाई नहीं देता। मेरे लेखों से ज्ञान नहीं बढ़ता, केवल बुद्धि पर जमी हुई धूल साफ होती है।
मेरे लेखों, मेरे विचारों की कीमत कोई नहीं दे पाता, क्योंकि मेरे लेख अनमोल हैं।
भागवत कथा सुनाने वाले को भी लाखों रुपए चढ़ा देंगे लोग, लेकिन मेरे जैसे आईना दिखानेवाले से दूर भागेंगे।
जनता को माफियाओं और लुटेरों द्वारा दिखाई जा रही फेंटेसी और गुलामी की दुनिया इतनी रास आ चुकी है कि अब कोई उससे निकलना ही नहीं चाहता। इसीलिए मुझसे मत पूछिये समाधान क्या है !
“Common sense is not a gift, it is a punishment.
Because you have to deal with everyone who doesn’t have it.”
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