हिमालयन बेरी (Sanddorn, Buckthorn) यानि संजीवनी बूटी
Sanddorn (The sea buckthorn) is A versatile powerhouses, the fruits of sea buckthorn strengthen the human body from within and from the outside.
सेंड्रोन एक फल है जो समुद्र तटों पर पाया जाता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है अर्थात #imunitybooster होता है।
Himalayan Berry (The sea buckthorn) संजीवनी बूटी) हिमालयन बेरी फैटी एसिड को कंट्रोल में रख हार्ट अटैक के खतरे को करता है कम।
यहाँ दो तस्वीरें दी हैं क्योंकि दोनों अलग अगल जगह से प्राप्त हुई हैं। पहला है सेंड्रोन जो ऐसे समुद्री तटों पर प्राप्त होती हैं जहां का तापमान -30 से -45 डिग्री सेल्सियस होता है। और दूसरा है हिमालयन बेरी यानि संजीवनी बूटी जो हिमालय के पहाड़ों पर पाया जाता है। यदि ध्यान दें, तो पायेंगे कि दोनों एक ही फल हैं और अंग्रेजी में दोनों ही फल को सी बॅकथोर्न ही कहा जाता है।
इन फलों में ओमेगा 3, 8 और 9, फैटी एसिड पाये जाते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। बता दें इस बेरी का प्रयोग चीन वासी सदियों से दवाओं को बनाने में कर रहे हैं। यह स्वाद में खट्टा और मीठा होता है। खाने में यह फल काफी स्वादिष्ट होता है। इसका प्रयोग दवाओं के अलावा वजन कम करने के लिए भी किया जाता है। इनमें 428 प्रकार के पोषक तत्वों और सक्रिय पदार्थों के कारण इन्हें ‘पोषण चिकित्सा खज़ाना’ भी कहा जाता है।
यह औषधि हर उम्र के लोगों के लिए लाभदायी है। इस बेरी में एस्कॉबिकन, फोलिक एसिड, कैरोटीनॉइड, टौनिन रूटीन (विटामिन पी), विटामिन सी, ए और ई पाये जाते हैं।
इसमें 24 मिनरल्स और 18 एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं, जो स्वास्थय के लिए बेहद लाभदायी हैं।
हिमालयन बेरी एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग और एंटी-डीसिज है। इसमें ऑक्सीजन, विटामिन एवं मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
हिमालयन बेरी में और फलों की तुलना में 4 से 100 गुना अधिक विटामिन-सी पाया जाता है।
इस बेरी का उपयोग गठिया, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल, अल्सर, संक्रामक बीमारियों और त्वचा संबंधित बीमारियों में भी किया जाता है।
यह रक्तचाप सें सुधार लाता है साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।
हिमालयन बेरी में कैरोटीनॉयड नाम का महत्वपूर्ण एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो हमारी आंखों की रोशनी की भी बरकरार रखता है।
यह शरीर में फैटी एसिड को भी कंट्रोल मे रखता है। इसके सेवन से हार्ट अटैक आने का खतरा कम होता है और हमारा दिल भी ठीक रहता है।
इसका जूस रोगाणुओं और बैक्टीरिया को मारने में काफी लाभप्रद है।
इसके प्रयोग से घाव भरते हैं साथ ही यह पेट और आंतों के संक्रमण को रोकने में लाभकारी है।
एंटी-इन्फलेमेटरी गुणों के भरपूर होने के कारण यह जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों के दर्द को भी कम करता है।
इसके अलावा इस बेरी का जूस जुकाम, मोटापा, लीवर, ब्लड प्रेशर, दिल के रोग, सांस संबंधी रोग, मानसिक रोगों, यौन रोगों, यौन कमजोरी जैसी बीमारियों के इलाज में भी काफी लाभदायी होता है। हिमालयन बेरी के जूस का उपयोग आप प्रात: सुबह उठकर ढाई सौ मिलीमीटर पानी में डालकर करें। इसके निरंतर सेवन से आप सभी रोगों से मुक्त रहेंगे।
जैसे मेघनाथ के बाण के प्रभाव को निरस्त कर लक्ष्मण को होश में लाने के लिए इस बेरी का प्रयोग हुआ, वैसे ही आज प्रायोजित सुरक्षा कवच के कारण हो रही आकस्मिक मौतों को रोकने के लिए इसका प्रयोग शुरू हो चुका है।
बहुत ही कम लोगों को इन फलों के विषय में जानकारी है। लेकिन कल मुझे जानकारी मिली कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से लेकर विश्व का कई बड़े नेता इन फलों का जूस का सेवन नियमित करते हैं अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता और यौवन को बढ़ाने के लिए।
यदि हिमालयन बेरी का जूस 10 ml और एलोवेरा का जूस 10 ml एक कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट लिया जाये, तो वैक्सीन का प्रभाव 3 से 6 महीने में पूरी तरह समाप्त हो जाता है और व्यक्ति का पूरा शरीर डिटोक्स हो जाता है।