पूंजीवादी शैतानी व्यवस्था पर आधारित स्ट्रीम मीडिया
पूंजीवादी शैतानी सरकारी व्यवस्था की इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट के प्रचार हेतु आविष्कार किया गया था। न कि मानवता की मनोरंजन हेतु, सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पेश करने हेतु, या मानव कल्याण हेतु आविष्कार किया गया था?
और यहां साइंटिफिक भी है अगर आप तीन बार किसी भी नेगेटिव चीजों को देखते हैं या सुनते हैं तो आपका शरीर मन पूरी तरह हिप्नोटाइज हो जाता है। और आप पूरी तरह उसकी गुलाम हो जाते हैं। इसीलिए टीवी चैनलों पर या किसी भी न्यूज़ में आने वाली प्रोग्राम आपके दिमाग में प्रोग्राम फिट किया जाता है। किसी भी सीरियल के माध्यम से, या किसी भी फिल्म के माध्यम से, आपके दिमाग को हाईजैक किया जाता है। पूंजीवादी शैतानी सरकारी व्यवस्था के सारे प्रोग्राम आपके दिमाग में उन सम्मोहन शक्तियों से फिट कर गुलाम बनाया जाता है।
यह धूर्त पूंजीवादी शैतानी सरकारी व्यवस्थाएं अपनी चतुर्ता से मानवता को अपनी जाल में फांसने का, हजारों सालों से खून चूसने का कार्य करता आ रहा है।
इनका खून चूसना कोई अनाचार नहीं है, बल्कि कभी-कभी तो यह शुद्ध पानी भी फिल्टर कर पीते हैं, बल्कि खून तो बिना छाने ही पी घटक जाते हैं। और मानवता की उन चमड़ियों से ढोलक तबला अविष्कार करवा, उन हड्डियों से धर्म की गुणगान करने के लिए कथावाचकों द्वारा पुरोहितवाद का नमस्तक करवाया जाता है। यह पूंजीवादी सरकारी व्यवस्था और ढ़ोंग आधारित पुरोहितवाद एक दूसरे के पूरक है।
देखा होगा लोगों ने इन दो-तीन सालों में किस तरह मानवता को बंधक बनाया गया। ढोंग आधारित इनकी सारी धार्मिक स्थल है बंदी बना ली गई थी। इनके ढकोसली अध्यात्म, धर्म, नैतिकता, धार्मिकता अविद्यातंत्र की सम्मोहन शक्तियों ने इनको किस तरह मोह लिया था, आप लोगों ने इन दो-तीन सालों में देखा हो, यह अपने आप में एक सच्चा उदाहरण है।
साथ ही जितने भी प्रोडक्ट इन टीवी इनेलो के माध्यम से पूंजीवादी शैतानी सरकारी व्यवस्था के प्रोडक्ट साबुन, सर्फ, क्रीम, ऐसे हजारों लाखों प्रोडक्ट एडवर्टाइज किए जाते हैं आपके दिमाग को हिप्नोटाइज किए जाते हैं। आप जीवन भर ऐसी जहरीली चीज शरीर में लगाते रहो और आपकी दिमाग धीरे-धीरे उसके सेल्स ध्वंस होते रहे और आप शारीरिक-मानसिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर हो जाए। और आप जीवन भर इन फार्मा माफिया पर आधारित रहे दवा की पोटली लिए जीवन भर दवा खाते रहे, इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है।
सभी भेड़ों का गुलाम समाज लाइन में अलग-अलग कर टीका की चेपाई और ठुकाई कर रहे थे, साथ ही मुंह पर गुलामी की पट्टी लगाई, ढ़ोंग आधारित धार्मिकता, आध्यात्मिकता नैतिकता, धर्म कि परमात्मा की दुहाई दे रहे थे कि परमात्मा सबको भला करें?
क्योंकि इन कमजोर दिल के भेड़ों की गुलाम समाज पर स्ट्रीम मीडिया हिप्नोटाइज मशीन, अविद्या तंत्र की सम्मोहन शक्तियां इन पर हावी हो चुकी थी। इसीलिए धड़ाधड़ प्रायोजित टेस्टिंग की स्टीक पर ग्राफीन डुबोकर, इनके आज्ञा चक्र पर अटैक कर रही थी।
और मूर्ख यह भेड़ों के समाज के द्वारा नई नई स्पॉन्सर्ड प्रायोजित सरकारी महामारी का पूरे विश्व भर में तबादला हो रहा था, इन्हीं स्ट्रीम मीडिया हिप्नोटाइज सम्मोहन शक्तियों द्वारा पूरी विश्व में फैल रहा था।
और पढ़ी-लिखी डिग्रीधारी अशिक्षित मूर्खों का जमात, साइंटिफिक साइंटिफिक कर, साइंटिफिक के आधार पर, साइंटिफिक फार्मा माफिया की बनाई जहरीले शैतानी दवाई अपनी बॉडी में इंजेक्ट कर रहे थे। वह कोई मानव जाति के लिए स्वास्थ्य आधारित नाम का कुछ भी नहीं था। बल्कि मानव जाति पर एक बहुत बड़ा सोची समझी साजिश तहत षड्यंत्र रची गई थी।
“जानवरों का हमला अपनी सुरक्षा के लिए है, सुरक्षा तो आत्मरक्षा के लिए है!”
पर पूंजीवादी शैतानी सरकारी व्यवस्था का मानवता के सेवा के नाम पर हर दिन का हमला, मानव जाति के ऊपर आक्रमण कर, उनकी खुद की घमंड की तृप्ति के पूर्ति का होना है।
और पूंजीवादी व्यवस्था आधारित साधु, संत, पुरोहित समाज के धर्म के नाम पर और हिंदुत्व के नाम पर किया जा रहा छलावा मानव जाति के लिए घातक सिद्ध होना है, न कि कल्याण की भावना की पूर्ति करता है?
आज तक के विश्व रिकॉर्ड में धर्म के नाम पर ढकोसले, धूर्त पुरोहितवाद, और कथावाचकों का कुकुरमुत्ते की तरह उग आना, कोई बहुत बड़ा महान षड्यंत्र का संकेत ह। न कि धार्मिकता, आध्यात्मिकता और नैतिकता का कोई संकेत है इस पर विचार करें, मंथन करें?
यह सारी धार्मिक ढकोसले धर्म के पुरोहितवाद और कथावाचकों की झुंड का अचानक से बाढ़ आ जाना, धर्म का विजय हो जाना नहीं है?
बल्कि अंतराष्ट्रीय पूंजीवादी शैतानी सरकारी व्यवस्था आधारित संबंधों का दलाल बन जाना।
और यह सारी राजनीतिज्ञ पार्टियों के बढ़ीं हुई बाढ़, इन कुकुरमुत्तो का बढ़ना भी दोनों की मिली भगत विश्व के षड्यंत्र का संकेत है। न कि मानवता की विश्व एकता, धार्मिकता, और नैतिकता के विश्व गठबंधन का तालुकात है। बल्कि बहुत बड़ी षड्यंत्र का संकेत है, इसलिए जागरूक और चैतन्य व्यक्तियों को अपनी नजरों को तीक्ष्ण दृष्टि बना कर रखनी होगी। इनकी एक-एक तिरकन पर नजर रखनी जरूरी है, साथ ही मानवता को एक-एक संकेत से परिचय करना बहुत जरूरी है!
पूंजीवादी शैतानी सरकारों की स्ट्रीम मीडिया दलालों द्वारा स्थापित, अविद्यातंत्र की हिप्नोटाइज मशीन टीवी चैनलों का आविष्कार किया गया था। इसीलिए भेड़ों के समाज की गुलाम समाज जो आज देखने को मिल रही जो 24 घंटे टीवी न्यूज़ सीरियल देखते हैं, उनकी मानसिकता को कभी बदला नहीं जा सकता। क्योंकि वह पूरी तरह मैन्युफैक्चरिंग हो गए, उन पूंजीवादी शैतानी सरकारों की व्यवस्था में, उनकी पूरी डीएनए उसे ध्वंस और खत्म हो चुकी है। अविद्यारूपी तंत्र उन्हें अंदर से खोखला कर चुका है। इसीलिए ऐसे लोग पूंजीवादी फार्मा माफियाओं की ही दवा की पोटली लिए घूमते हैं अपने जीवन भर, उससे मुक्त ही नहीं हो सकते।
सरिता प्रकाश🙏🧐