पूंजीवादी सरकारी नौकरी के नाम पर उन गुलामों को जहर किस तरह परोसती है ?

जो पूंजीवादी सरकारी नौकरी के आधार पर जीते हैं, वे गुलाम है, इसीलिए आप जैसे गुलामों को तलवे के नीचे रखकर पालने की जिम्मेदारी वह उठाती है!
पूंजीवादी सरकारी नौकरी के आधार पर आपके जीवन की सारी उत्तरदायित्व उठाती तो है पर धीमी जहर देकर, जिससे आपको पता भी न चले, जिसके कारण आपको पूरी तरह बंधक बना लिया जाता है और फिर भी आपको कुछ भी पता नहीं चल पाता!
आपको उनके विरुद्ध आवाज और डकार लेने की भी औकात में वे आपको नहीं छोड़ते। आप किससे मिलते हैं, कहां जाते हैं यह सब कुछ उनके निगरानी के आधार पर होता है, क्योंकि पैसे के आधार पर आप उनके गुलाम जो है, उनके सारी गलतियों पर आपको पानी फेरना पड़ता है!
अब ध्यान दें आपको किस तरह धीमी जहर दी जाती है। पूंजीवादी सरकारों के आधार पर जितनी भी अनाज की पैदावार करवा, पैकेजिंग करवाई जाती है या लाइसेंस दी जाती है। वह सभी बहुत ही जहरीले और कीड़े युक्त प्रोडक्ट बनाने की पूरी छूट सरकारों ने दे रखी है। क्योंकि आप जैसे गुलामों की जिम्मेदारी जो है उन पूंजीवादी मूर्ख तंत्र आधारित सरकारों की?
और प्राकृतिक स्वास्थ्य दायक खेती करने के समय, आपके पास सरकारों ने दे ही तो नहीं रखी है, जो नौकरी से लौट कर उनकी गुलामी कर अपने घर की बागवानी सजाएंगे। 8 से 9 घंटे तक आपसे पूरी गुलामी की नौकरी खटवाती है तो फिर आप प्राकृतिक खेती करोगे कब?
इसीलिए उन पूंजीवादी सरकारी व्यवस्था के बनाये, जितने भी प्रकार के अनाज के चॉकलेट या जितने भी प्रकार के आटे बनाए जाते हैं, आटे की प्रोडक्ट के बिस्किट्स, ब्रेड, पिज्जा, बर्गर नूडल्स हैं, उसमें विश्व सत्ता की पूंजीवादी सरकारों ने लाइसेंस दे रखी है, प्रोटीन युक्त विटामिन मानवता को खिलाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र छूट दे रखी है। जिससे आपको अस्वास्थकारी प्रोडक्ट खिलाकर, आपको फार्मा माफियाओं पर आधारित कर सके।
सारे भेड़, बकरी, मुर्गी के बाड़े के गुलाम समाज को धीरे-धीरे सारी चीजों को खाने की आजादी दे रही। विश्व सत्ता की सरकारें, आपकी सब्जी जहरीले, आपकी अनाज जहरीले, आपकी दिनचर्या की हर एक चीज जहरीले, आपकी जूस जहरीले, आपकी कपड़े जहरीली, आपकी दवा जहरीली, जिसके कारण आपकी हवा जहरीले, आपकी अपनी जहरीले!
क्योंकि विश्व सत्ता की सरकारे आपको कैसे रहना है, क्या खाना है, क्या पहनना है, कहां जाना है, क्या देखना है, क्या बोलना है और क्या सुनना है सब कुछ वही आपकी जिंदगी को तय कर रहे हैं।
और आप किसी भी समुदाय से हैं लेकिन आपको हिंदुत्व की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही, क्योंकि आपको ढोंग आधारित धर्म के ठेकेदारों द्वारा, स्पॉन्सर्ड प्रायोजित महामारी के समय आपको और आपके धार्मिक स्थलों के भगवानों, और पुरोहित समाज को, सभी समय मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे बंद करवा कर, महामारी के नाम पर किसी भी मंदिर के दरवाजे पर, मुंह पर कच्छा पहना, शैतानी बुटी चेपवा दिया जाता है। क्योंकि आप उसी के लायक गुलाम है, आपको धर्म के नाम पर, उनकी पूंजीवादी सरकारों के दल्लों और नौकरों को गुलामी का पट्टा जो आपकी गर्दन में बांध दिया गया है।
जिसके कारण आपके स्वास्थ्य की भी सबसे ज्यादा चिंता और जिम्मेदारी उन्हें हैं, कि आपको कौन सी दवा खानी है, कौन सा सुई कब चेपना है, उसका ठेका उनके हाथ में है, क्योंकि आप उनके बांड़े के गुलाम हैं!
और बीमारी के माहौल भी खुद पैदा करते हैं स्ट्रीम मीडिया के दलालों द्वारा, यह सब कुचक्र गुलाम को कुचलना के लिए किया जाता है, न कि समाज कल्याण के लिए!
हमारा जीवन अमूल्य है, पूंजीवादी सरकारी अंतर्गत गुलामी के लिए नहीं है बल्कि प्राकृतिक स्वतंत्र जीवन में मानवता का मौलिक अधिकार है। हमारा जन्म सिर्फ उनकी नौकरी और गुलामी करने के लिए नहीं हुआ है!
पर हम गुलाम नहीं, हम तो अपने प्राकृतिक व्यवस्था में कृषि के कुटीर उद्योग के आधार पर स्वतंत्र और आत्मनिर्भर जीने की व्यवस्था कर ली है और आप सब भेड़ और गुलाम बने रहो, और उन गड़ेरियों से हकवाओ!
सरिता प्रकाश 🙏👍👌👏

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