कौन सी जीवन शैली मानव जाति के लिए श्रेष्ठ जीवन शैली है ?

कहते हैं हिन्दुत्व जीवन शैली है, इस्लाम जीवन शैली है, जैन, बौद्ध, सिक्ख, ईसाई जीवन शैली है।
फिर विभिन्न गुरुओं ने विभिन्न जीवन शैलियाँ बताई। विदेशी गुरुओं की जीवन शैली भारतीय गुरुओं की जीवन शैली से भिन्न है।
फिर मांसाहारी गुरुओं द्वारा दी गयी जीवन शैली और शाकाहारी, फलाहारी, दुग्धारी गुरुओं द्वारा दी गयी जीवन शैलियाँ भिन्न है।
पहले तो धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु ही जीवन शैली बताया करते थे, लेकिन अब डबल्यूएचओ, सरकारें और धर्म व जातियों के राजनैतिक ठेकेदार भी जीवन शैली सिखाने लगे।
तो प्रश्न उठता है कि कौन सी जीवन शैली मानव समाज के लिए श्रेष्ठ जीवन शैली है ?
हर कोई अपने-अपने गुरुओं, धार्मिक ग्रंथो द्वारा निर्देशित जीवन शैलियों को श्रेष्ठ बताता है। लेकिन जब उनके अपने समाज पर नजर डालें, तो पाते हैं कि वे स्वयं माफियाओं और देश के लुटेरों द्वारा निर्देशित जीवन शैली पर आधारित जीवन जी रहे हैं।
आज लगभग सभी की जीवन शैली एक जैसी है अर्थात बच्चे पैदा करना, उनके लिए शिक्षा के बाजार से डिग्रियाँ खरीद कर देना और फिर माफियाओं और देश के लुटेरों की चाकरी और गुलामी के लिए समर्पित कर देना। फिर वह आजीवन कोल्हू के बैल की तरह काम करता रहता है माफियाओं की तिजोरी भरने के लिए। और वह तिजोरी भी अपने देश में नहीं होती, विदेश में होती है।
कभी समय मिले तो चिंतन-मनन करिए कि कौन सी जीवन शैली ऐसी है, जो मानव को मानव बनाती है, न कि माफियाओं का नौकर या गुलाम ?
~ विशुद्ध चैतन्य
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