परस्पर विरोधी हैं किताबी और व्यवहारिक ज्ञान

किताबी ज्ञान सिखाती हैं कि झूठ मत बोलो, बेईमानी मत करो, विश्वासघात मत करो, रिश्वत मत लो, शोषण, अन्याय, अत्याचार का विरोध करो, देश को लूटने और लुटवाने वालों के सहयोगी मत बनो…..
लेकिन व्यवहारिक जगत में जब हम आते हैं, तो पाते हैं कि किताबी ज्ञान और व्यावहारिक ज्ञान परस्पर विरोधी हैं। विशेषकर तब, जब समाज से जुड़ना हो।
“केवल 24 घंटे के लिए सत्य बोलो और तुम्हें पता चल जाएगा कि तुम्हें अपना कहने वाले कितने अपने हैं।” -ओशो

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