क्या आप भी विश्व कल्याण की कामना करते हैं ?

हमारे गुरुजी बड़े त्यागी थे।
क्या आप भी त्यागी हैं ?
नहीं हम तो गृहस्थ हैं। दुनिया भर की जिम्मेदारियाँ हैं इसलिए भीख देते हैं त्याग के नाम पर और पुण्य कमा लेते हैं।
हमारे गुरुजी ध्यान साधना करते हैं।
क्या आप भी ध्यान साधना करते हैं ?
जी हाँ पूरी निष्ठा से यम-नियम का पालन करते हुए धन, कुर्सी और उस कुर्सी पर विराजमान व्यक्ति की साधना करते हैं और माफियाओं और लुटेरों की चाकरी/गुलामी करके अपने जीवन को धन्य मानते हैं।
हमारे गुरुजी समस्त विश्व के कल्याण की कामना करते हैं।
क्या आप भी समस्त विश्व के कल्याण की कामना करते हैं ?
नहीं हम तो केवल अपने परिवार, नेता और पार्टी के कल्याण की कामना करते हैं क्योंकि ये ही हमारा विश्व है। बाकी विश्व को माफिया और लुटेरे बर्बाद कर दें, जंगल, खेत खलिहान को कंक्रीट के जंगलों में बदल दें, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।
हमारे गुरुजी निर्वस्त्र रहते हैं।
क्या आप और आपका परिवार भी निर्वस्त्र रहता है ?
नहीं हम तो गृहस्थ हैं इसलिए निर्वस्त्र नहीं रह सकते।
क्या कभी सोचा है आपने कि जो काम आप नहीं कर सकते उन्हें करने वालों को आपने अपना पालतू गुरु क्यों बना रखा है ?
क्यों चाहते हैं कि जो काम आप नहीं कर सकते, वह काम आपका पालतू गुरु करे ?
क्यों चाहते हैं कि जो जीवन शैली आप नहीं जी सकते, वह जीवन शैली कोई दूसरा केवल इसलिए जिये ताकि आप उनकी जय जय कर सकें ?
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