क्या इस दुनिया में हम माफियाओं की चाकरी और गुलामी करने के लिए ही आए हैं ?

कीनू रीव्स #KeanuReeves की एक मूवी सिरीज़ #JohnWick देख रहा था। जॉन माफियाओं की दुनिया से मुक्त होकर सामान्य जीवन जीना चाहता है लेकिन उसके पालतू कुत्ते की हत्या कर देते हैं माफियाओं के गुंडे और उसके घर में तोड़ फोड़ मचाकर उसकी कार चुरा ले जाते हैं। जिसका बदला लेने के लिए वह माफियाओं के गेंग से टकरा जाता है।
माफियाओं की दुनिया का भी बॉस होता है जिसे माफियाओं की दुनिया में #High_Table कहा जाता है। और हाई टेबल का आदेश और नियम सर्वोपरि होता है। जो नियम तोड़ता है या आदेश मानने से इंकार करता है, उसकी मृत्यु निश्चित हो जाती है।
थी तो यह फिल्म ही, लेकिन इस दुनिया की वास्तविकता को दर्शाती है। इस दुनिया का भी माई-बाप है और संभवतः दुनिया उसे ही ईश्वर मानती है। और संभवतः इसीलिए कहा जाता है कि ईश्वर/अल्लाह एक है, केवल रूप अनेक हैं।
तो वही माई-बाप अर्थात हाई टेबल समस्त पृथ्वी पर राज करती है और दुनिया की सभी सरकारें और राजनैतिक पार्टियों समेत समस्त माफ़िया, अपराधी और लुटेरे उस हाई टेबल के अधीनस्थ होते हैं। वर्ल्ड ऑर्डर लागू करता है, फिर न्यू वर्ल्ड ऑर्डर लाती है। और दुनिया की समस्त सरकारों को बाध्य करता है न्यू वर्ल्ड ऑर्डर लागू करने के लिए।
प्रायोजित महामारी काल में हाई टेबल के आदेश पर समस्त विश्व को बंधक बनाकर जनता का सामूहिक बलात्कार हुआ और दुनिया की किसी भी राजनैतिक पार्टी, सरकार और मीडिया ने विरोध नहीं किया।
क्यों ?
क्योंकि सभी गुलाम हैं उसी शैतान के, जिसे कीणु रीव्ज़ की फिल्म में हाई टेबल कहा जाता है।
तो प्रश्न यह कि क्या इस दुनिया में हम माफियाओं की चाकरी और गुलामी करने के लिए ही आए हैं ?
क्या हमारा जन्म माफियाओं द्वारा रचे गए मायाजाल में कोल्हू के बैल की तरह चक्कर लगाने या अंधों की तरह दौड़ते रहने के लिए हुआ है ?
क्या जीवित रहते हुए माफियाओं की दुनिया से मुक्त होकर जीना असंभव है मानव प्रजाति के लिए ?

जिस दिन भी यह समझ में आ जाता है कि हमारा जन्म माफियाओं की गुलामी और चाकरी करने के लिए नहीं हुआ है, हम गुलामों और मवेशियों की दौड़ से स्वयं को अलग कर लेते हैं।
~ विशुद्ध चैतन्य ✍️
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