**गेंदा के 7 औषधीय गुण: जानें कैसे यह फूल विभिन्न बीमारियों में लाभकारी हो सकता है**

गेंदे का फूल भारतीय सभ्यता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल एक खूबसूरती का प्रतीची, बल्कि आर्थिक और स्वास्थ्य समृद्धि का प्रतीक भी है।
गेंदा, जिसे अक्सर अपनी मनमोहक सुगंध और रंग-बिरंगे फूलों के लिए पहचाना जाता है, न केवल सजावट के रूप में बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर भी है। आयुर्वेद में गेंदा के फूलों और पत्तियों का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में किया जाता है। आइए जानें गेंदा के प्रमुख औषधीय गुण और इसके स्वास्थ्य लाभ के बारे में:
### 1. **कान दर्द में राहत**
गेंदा की हरी पत्तियों का रस कान में डालने से कान दर्द में राहत मिलती है। यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक उपाय है।
### 2. **खुजली और फोड़े-फुंसी का इलाज**
गेंदा की हरी पत्तियों का रस त्वचा पर लगाने से खुजली, फोड़े-फुंसी और त्वचा के अन्य संक्रमणों में आराम मिलता है। यह एक प्रभावी रोगाणुरोधी के रूप में काम करता है।
### 3. **अपरस (स्किन कट्स) का इलाज**
गेंदा की पत्तियों का रस त्वचा पर लगाने से अपरस की बीमारी में राहत मिलती है। यह घावों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
### 4. **आंतरिक चोट या मोच में लाभ**
गेंदा के हरी पत्तियों का रस मोच या आंतरिक चोट में मालिश करने पर दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
### 5. **खून का बहना रोकने में मदद**
साधारण कटने या घाव होने पर गेंदा की पत्तियों को मसलकर लगाने से खून का बहना रुक जाता है।
### 6. **खून को शुद्ध करता है**
गेंदा के फूलों का अर्क खून को शुद्ध करने में सहायक होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
### 7. **खूनी बवासीर का इलाज**
ताजे गेंदा के फूलों का रस खूनी बवासीर के इलाज में बहुत प्रभावी होता है। यह सूजन और खून बहने की समस्या को कम करने में मदद करता है।
### **पाचन क्रिया के लाभ:** इसके फूलों का सूगंध आंत में होने वाली कार्यप्रणाली को सुधारता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
### **साबुन, तेल और कॉस्मेटिक के लिए उपयोगी** मैरीगोल्ड के पत्तों और फूलों को कच्चे तौर पर तेल और ग्रीस में उबालकर उनका तेल निकाला जाता है, जिसे कई उद्योगों में उपयोग किया जाता है। इससे नहाने के लिए साबुन, केमिकल्स, लिपबाम और मेकअप उत्पादों में इस्तेमाल होता है।
### **चटनी और आचार:** इसके पत्तों में प्रयोग होता है जैसे बाजार में उपलब्ध अचारों के लिए भरवाड़ी या चटनी की मसाले के लिए।
### **पकवानों में तड़का** मैरीगोल्ड के फूल को कच्चा या सूखा करके हरे पत्तों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जो सलाद और खाद्य पकवानों में तड़का, रंग और स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होते हैं।
### गेंदा के अन्य स्वास्थ्य लाभ:
– **कैंसर से बचाव:** गेंदा के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। शोध से पता चला है कि गेंदा का ल्यूटीन स्तन कैंसर के ट्यूमर को कम करने में मदद कर सकता है।
– **सिर के फोड़े-फुंसी में राहत:** सिर के फोड़े-फुंसी के लिए गेंदा के फूलों और पत्तियों का रस उपयोगी होता है। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा के घाव ठीक हो जाते हैं।
– **मुंहासों का इलाज:** गेंदा के फूलों के अर्क से चेहरे की त्वचा पर मुंहासे कम होते हैं और त्वचा पर निखार आता है।
– **झुर्रियां घटाना:** गेंदा के फूलों में मौजूद एंटीएजिंग तत्व त्वचा की झुर्रियों को कम करते हैं और त्वचा को फिर से जवान बनाते हैं।
– **दमा और खांसी में राहत:** गेंदा के फूलों को मिश्री के साथ सेवन करने से दमा और खांसी में आराम मिलता है।
– **तैलीय त्वचा को साफ रखना:** गेंदा के फूलों को उबालकर तैलीय त्वचा पर लगाने से त्वचा साफ रहती है और इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।
### गेंदा का तेल कैसे बनाएं:
आप गेंदा के सूखे फूलों को जैतून के तेल में डालकर 10 दिनों तक धूप में रखें। फिर इसे छानकर कांच की शीशी में सुरक्षित रख लें। इस तेल का उपयोग त्वचा और जोड़ों के दर्द के लिए किया जा सकता है।
### गेंदा का धार्मिक और सामाजिक महत्व:
भारत में गेंदा के फूल का उपयोग न केवल औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है, बल्कि यह धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर भी बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। शादी-ब्याह, पूजा अर्चना, और अन्य सांस्कृतिक समारोहों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। गेंदा के फूलों का उपयोग माला, बुके और सजावट में किया जाता है।
### निष्कर्ष:
गेंदा का फूल न केवल एक सुंदर और सुगंधित फूल है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी हमें कई प्रकार की बीमारियों से बचने और उपचार में मदद करते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज पदार्थ हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। अत: गेंदा को अपने जीवन में शामिल करना एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है।
###कीटनाशक के रूप में भी उपयोग:पुराने समयों से ही गेंदा के पौधे को वनस्पति छोड़ने वाली कीटों को नष्ट करने के लिए उपयोग में लाया गया है। इसी कारण इसे “इनसेक्टिसाइडल प्लांट (कीटनाशक पौधा)” भी कहा जाता है।
~ सरिता प्रवाह ✍️