आत्मनिर्भरता की राह में समर्थन और वास्तविकता का द्वंद्व

जब मैं आश्रम में था, तो आर्थिक सहयोग जुटाना कभी चुनौती नहीं रहा। एक साधारण पोस्ट पर दिनभर में 10-15 हजार रुपये सहजता से प्राप्त हो जाते थे। लेकिन पिछले एक वर्ष का अनुभव कुछ और ही सिखा गया। जब गाँव में लीज़ पर ली गई भूमि पर खेती शुरू करने के लिए बोरिंग कराने की आवश्यकता पड़ी, तो मैंने कई बार आर्थिक सहयोग के लिए पोस्ट लिखा। परंतु चार-पाँच हजार रुपये से अधिक की सहायता कभी नहीं जुट सकी।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की चुनौती
पूरा एक वर्ष बीत गया, लेकिन बोरिंग के लिए आवश्यक धनराशि जुटाने में असफल रहा। यदि यह व्यवस्था हो जाती, तो मैं अपने लिए एक छोटा सा बगीचा तैयार कर सकता था और आर्थिक सहयोग के लिए बार-बार पोस्ट लिखने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इस पूरे अनुभव ने मुझे यह समझाया कि मेरे अधिकतर शुभचिंतक स्वयं आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हैं। और जो समर्थ हैं, या तो मेरे पोस्ट उन तक पहुँच नहीं रहे हैं, या फिर शायद उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया है। कारण यह हो सकता है कि अब मैं आश्रमवासी नहीं रहा; मुक्त संन्यासी बन गया हूँ।
समाज का दृष्टिकोण और मेरा संघर्ष
बहुत से लोग मुझे आत्मनिर्भरता पर उपदेश देने चले आते हैं। लेकिन वही लोग विवशतावश उन संस्थानों और व्यक्तियों की सेवा करते हैं, जो देश को लूट रहे हैं। उनका सवाल होता है, “जब आप आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हैं, तो मांगते क्यों हैं?”

लेकिन क्या समाज के बाकी लोग नहीं मांगते?
- बड़े उद्योगपति बैंकों से लाखों-करोड़ों का कर्जा लेते हैं।
- हर कोई किसी न किसी रूप में संसाधन जुटाने का प्रयास करता है, चाहे वह नौकरी हो, व्यापार हो, या लोन।
मेरी तो स्थिति यह है कि न भूमि मेरी है, न साधन। मैंने केवल एक खेत लीज़ पर लिया है ताकि आत्मनिर्भरता की एक छोटी शुरुआत कर सकूँ। मुझे विश्वास था कि जो लोग मुझे पढ़ते हैं और मेरे विचारों को समझते हैं, वे इस यात्रा में मेरा साथ देंगे। लेकिन अधिकांशतः मुझे झूठे आश्वासन ही मिले।
आपसे अनुरोध
यदि आप मेरे विचारों को समझते हैं और महसूस करते हैं कि मेरा प्रयास सार्थक है, तो मेरे ब्लॉग www.vishuddhachintan.com पर जाकर मेरे लेख अवश्य पढ़ें। अगर आपको लगे कि मेरे प्रयासों का समर्थन करना चाहिए, तो पोस्ट के अंत में दिए गए क्यूआर कोड का उपयोग कर अपना सहयोग दें।
मुझे आज भी विश्वास है कि मेरे फॉलोअर्स में ऐसे लोग हैं, जो संकोच किए बिना इस यात्रा में मेरा साथ देंगे।
~ स्वामी विशुद्ध चैतन्य
Support Vishuddha Chintan
