सम्मान की चाह या स्वतन्त्रता का चुनाव ?

महत्वपूर्ण यह नहीं कि कौन आपको चाहता है, बल्कि यह है कि कौन आपको महत्व देता है और आपका सम्मान करता है।
अक्सर, जब हम दूसरों की नजरों में विशेष बनने की कोशिश करते हैं, तो अपनी मौलिकता खो बैठते हैं। हमें वैसा बनने की मजबूरी होती है, जैसा दूसरा चाहता है। इस प्रक्रिया में हम अपनी पसंद और स्वतंत्रता को त्याग देते हैं। हमारा जीवन दूसरों की पसंद-नापसंद का प्रतिबिंब बनकर रह जाता है।
आज अधिकांश लोग अपनी पहचान के बिना ही जीवन व्यतीत करते हैं। वे केवल जाति, धर्म, संगठन, संस्था, देश या प्रदेश के नाम से पहचाने जाते हैं। उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मौलिकता कहीं गुम हो जाती है। स्वतन्त्र व्यक्ति बनने की राह में सबसे बड़ी चुनौती होती है समाज नामक माफियाओं और लुटेरों की गुलाम भीड़ से अलग हो जाने की।
स्वतन्त्रता की कीमत
स्वतन्त्रता एक ऐसा मूल्य है, जिसे चुकाने के लिए व्यक्ति को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्वतन्त्र व्यक्तित्व को समाज, संगठन या सरकारें स्वीकार नहीं करतीं, क्योंकि ऐसे व्यक्तियों को डरा-धमकाकर नियंत्रित करना असंभव होता है। उन्हें झूठे दिखावों में उलझाया नहीं जा सकता, और न ही भीड़ का हिस्सा बनाया जा सकता है।
इसके अलावा, स्वार्थी रिश्ते और परिचित भी साथ छोड़ देते हैं। वे अपनी जिम्मेदारियों, जैसे परिवार और बच्चों की परवरिश में उलझे रहते हैं। समाज के नियमों का पालन करते हुए वे स्वयं भीड़ का हिस्सा बने रहते हैं। यही कारण है कि मैंने स्वतन्त्रता का मार्ग चुना, यह जानते हुए कि इस राह पर अकेले ही चलना होगा।
परिचितों से अपेक्षा और वास्तविकता
मेरे जीवन में बहुत से शुभचिंतक और हितैषी हैं, परंतु वे केवल औपचारिकता निभाते हैं। जब भी सहयोग की आवश्यकता होती है, वास्तविक सहयोग अपरिचितों से ही मिलता है। राह चलते कोई अजनबी पानी पिलाता है, भोजन कराता है, या आर्थिक सहायता करता है। लेकिन जो परिचित हैं, वे मदद करने से कतराते हैं। क्योंकि वे जानते हैं की मुझे अपने इशारों पर नहीं नचा सकते और ना ही अपना गुलाम बना सकते हैं।
स्वतन्त्रता के प्रति सम्मान
यदि आप मेरी स्वतन्त्रता का सम्मान करते हैं, तो आप मेरे साथ बने रहेंगे। यदि आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं और सहयोग करना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। मेरी दैनिक आवश्यकताएँ लेखन के माध्यम से पूरी हो जाती हैं, लेकिन कुछ विशेष खर्चों के लिए सहयोग की आवश्यकता है।
आर्थिक सहायता की अपील
मैंने एक भूमि लीज़ पर ली है और वहाँ अपने निवास के लिए एक झोंपड़ी और आजीविका के लिए फूल, फल और सब्जियों का बगीचा बनाने की योजना है। यदि इस दिशा में आप मदद कर सकते हैं, तो आपका सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मुझे किसी के उपदेश या प्रवचन की आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता है व्यावहारिक सहयोग की, जो मुझे मेरे प्रयासों को साकार करने में मदद करेगा।
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~ विशुद्ध चैतन्य ✍️
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