दृष्टिकोण (नज़रिया) बदल लो दुनिया बदल जाएगी

एक ऐसा व्यक्ति था जिसे समाज, सरकार, पुलिस, प्रशासन… किसी पर विश्वास नहीं रहा। उसे हर विभाग भ्रष्ट, हर अधिकारी बेईमान और हर व्यवस्था कमजोर लग रही थी। उसका मन इतना खिन्न हो गया था कि उसे हर तरफ अंधकार ही अंधकार दिखाई देता था। लोगों ने उससे कहा, “तुम्हारी आँखें खराब हो गई हैं। किसी अच्छे डॉक्टर से चेकअप करवा लो। शायद तुम्हारी परेशानी हल हो जाए।”
वह देश के सबसे प्रतिष्ठित और महंगे डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने बड़े ध्यान से उसकी आँखों का चेकअप किया। कई सारे परीक्षण करवाए। अंत में डॉक्टर मुस्कुराते हुए बोला, “तुम्हारी आँखें तो बिल्कुल सही हैं। समस्या तुम्हारी दृष्टि में नहीं, बल्कि तुम्हारे दृष्टिकोण (नज़रिया) में है। तुम्हें सही दृष्टिकोण वाला चश्मा चाहिए। इसे पहनने के बाद सब कुछ बदल जाएगा।”
यह सुनकर व्यक्ति ने बिना देर किए एक विशेष चश्मा बनवाया। जैसे ही उसने वह चश्मा पहना और बाहर निकला, उसकी आँखों के सामने एक चमत्कार सा हुआ। सारी दुनिया बदली-बदली सी नजर आने लगी।
जहाँ पहले उसे झुग्गी-झोंपड़ी नजर आती थी, वहाँ अब बड़े-बड़े मॉल खड़े थे। जहाँ सूखा पड़ा था, वहाँ हरियाली से भरे खेत लहलहा रहे थे। राजस्थान में जब वह गया तो अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर पाया। वह राजस्थान, जिसे वह रेगिस्तान के लिए जानता था, अब गोवा की तरह नजर आ रहा था। विदेशी सैलानी समुद्र किनारे आराम कर रहे थे। कुछ लोग सर्फिंग का आनंद ले रहे थे। उसे लगा कि वह किसी और दुनिया में आ गया है।
इसके बाद उसने जम्मू-कश्मीर की ओर रुख किया। जब वह वहाँ पहुँचा, तो उसकी आँखों ने एक और हैरतअंगेज़ दृश्य देखा। जम्मू-कश्मीर, जो बर्फीले पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध था, अब रेत के ऊँचे-ऊँचे टीलों में बदल चुका था। वहाँ का तापमान इतना बढ़ा हुआ था कि वह गर्मी से बेहाल हो गया।
उसकी यह यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई। जब वह पुलिस थाने पहुँचा, तो उसका अनुभव और भी अद्भुत था। जहाँ पहले उसे कठोर और गाली-गलौज करते पुलिसवाले मिलते थे, अब वहाँ सुंदर, सुशील कन्याएँ बैठी हुई थीं। वे बड़े प्यार से लोगों की शिकायतें सुन रहीं थीं। पुलिसवाले, जो पहले रिश्वत लेते थे, अब शिकायतकर्ताओं को मिठाई के डिब्बे भेंट कर रहे थे। चोर और उचक्के, जिन्हें गिरफ्तार किया जाता था, अब उन्हें सम्मानपूर्वक कलेक्टर की पोस्ट दी जा रही थी ताकि वे जनता से धन कलेक्ट करके देश की सेवा कर सकें।
इस पूरे अनुभव ने उस व्यक्ति को एक गहरी सीख दी। उसने समझा कि दुनिया में कुछ भी सही या गलत नहीं होता। हर चीज़ का आकलन करने का तरीका हमारा दृष्टिकोण तय करता है। यदि हम सही दृष्टिकोण अपनाएँ, तो हमारी दुनिया सचमुच बदल सकती है।
तो यदि आप भी अपनी दुनिया को बदलना चाहते हैं, तो पहले अपना दृष्टिकोण बदलें। सही नज़रिया ही सच्चा परिवर्तन ला सकता है।
~ विशुद्ध चैतन्य
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