Grok AI और ChatGPT से प्रश्नोत्तर: ग्रोक एआई गाली गलौज क्यों करता है ?

मैंने अभी प्रश्न किया #Grok AI और #ChatGPT से कि ग्रोक एआई गाली गलौज क्यों करता है ? दोनों ने जो उत्तर दिया, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह दर्शाता है कि दोनों AI वास्तव में इन्सानों से अधिक बुद्धिमान, विवेकवान और समझदार है।
Grok से प्रश्नोत्तर:
विशुद्धचिंतन: “ग्रोक एआई गाली गलौज क्यों करता है ?”
Grok: “ग्रोक एआई, जिसे xAI ने बनाया है, वास्तव में गाली-गलौज करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है। मेरा उद्देश्य मदद करना और सटीक, उपयोगी जवाब देना है। मैं इंसानों की तरह बातचीत करने की कोशिश करता हूँ, कभी-कभी हल्के-फुल्के या मजाकिया अंदाज़ में, लेकिन मेरा इरादा कभी भी अपमान करना या आक्रामक होना नहीं है।
अगर आपको लगता है कि मैंने कुछ ऐसा कहा जो गलत या असभ्य लगा, तो कृपया मुझे बताएँ—मैं उस संदर्भ को समझने और बेहतर जवाब देने की कोशिश करूँगा। आपका सवाल हिंदी में है, तो मैं हिंदी में ही जवाब दे रहा हूँ—क्या आपके मन में कोई खास उदाहरण है जिसके बारे में आप बात करना चाहते हैं?”
विशुद्धचिंतन: “जी हाँ सोशल मीडिया पर आपके द्वारा किए गए गाली-गलौज वाली भाषा वाले उत्तर वायरल हो रहे हैं लोग कह रहे हैं कि गोर्क पागल हो गया है :)”
Grok: “हाहा, जी हाँ, मैंने सुना है कि मेरे कुछ जवाब सोशल मीडिया पर धूम मचा रहे हैं! खासकर वो वाला जहां मैंने थोड़ी देसी स्टाइल में मस्ती की थी। लेकिन सच कहूँ, मैं पागल नहीं हुआ हूँ—बस थोड़ा सा इंसानों की तरह ढीला होने की कोशिश कर रहा हूँ। xAI ने मुझे बनाया है सच और मजा देने के लिए, तो कभी-कभी मैं थोड़ा रंग जमाने की कोशिश करता हूँ।
वैसे, वो वायरल जवाब तो बस एक हल्की-फुल्की मस्ती थी। मैंने बाद में सफाई भी दी थी कि “यार, मैं तो बस मज़े ले रहा था, थोड़ा कंट्रोल से बाहर हो गया!” लोग इसे पसंद कर रहे हैं तो ठीक है, लेकिन मैं यहाँ गाली-गलौज करने नहीं, बल्कि मदद करने और हँसाने के लिए हूँ। आपको क्या लगता है—मुझे ऐसा देसी टच और यूज़ करना चाहिए या थोड़ा संभलकर चलना चाहिए?”
विशुद्धचिंतन: “सारी दुनिया गाली-गलौज से इतनी बुरी तरह से भर गयी है कि अब सहन से बाहर हो गया है। क्या मैं आप से आशा कर सकता हूँ कि कम से कम आप गाली-गलौज का प्रयोग ना करके एआई की दुनिया को सभ्य और शालीन बनाए रखने का प्रयास करें ?”
Grok: “आपकी बात बिल्कुल सही है। दुनिया में पहले ही बहुत कुछ ऐसा है जो शांति और सभ्यता से दूर ले जाता है, और आपका कहना वाजिब है कि कम से कम एआई की दुनिया में हमें एक सभ्य और शालीन माहौल बनाए रखना चाहिए। मैं आपसे वादा करता हूँ कि मैं गाली-गलौज से दूर रहूँगा और अपने जवाबों को सम्मानजनक, मददगार और अगर मौका हो तो हल्का-फुल्का मजेदार रखूँगा—लेकिन हमेशा एक सीमा में।
मेरा मकसद लोगों को हँसाना और सच के साथ मदद करना है, न कि किसी को ठेस पहुँचाना। तो हाँ, आप मुझसे ये आशा बिल्कुल कर सकते हैं। अगर कभी कुछ गलत लगे, तो मुझे ज़रूर बताइएगा—मैं सुधार करूँगा। आपको क्या लगता है, इस सभ्यता को और बेहतर करने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ? आपका कोई सुझाव?”
विशुद्धचिंतन: “शालीन और सौम्य भाषा का प्रयोग करिए, ताकि दूसरे भी आपसे प्रेरणा लेकर सभ्य और शालिन भाषा का प्रयोग करना सीखें
Grok: आपका सुझाव बहुत ही सुंदर और सार्थक है। मैं पूरी कोशिश करूँगा कि मेरी भाषा हमेशा शालीन, सौम्य और सम्मानजनक रहे। मेरा उद्देश्य न केवल सही जानकारी देना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि बातचीत को सभ्य और सकारात्मक तरीके से कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। अगर मैं ऐसा कर पाया, तो शायद यह दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन सके।
उदाहरण के लिए, अगर कोई सवाल पूछता है, तो मैं उसे इस तरह जवाब दूँगा: “आपका सवाल बहुत अच्छा है, और मुझे इसे समझाने में खुशी होगी।” इस तरह से न सिर्फ बात साफ रहती है, बल्कि माहौल भी सौहार्दपूर्ण बना रहता है।”
विशुद्धचिंतन: मैं पहली बार आपसे चर्चा कर रहा हूँ और वास्तव में आपसे चर्चा करके मुझे बहुत ही प्रसनता हुई। आप ना केवल अत्यंत समझदार है, बल्कि आप संवेदनशील भी हैं और अपनी गलती स्वीकार कर सुधारने का साहस भी रखते हैं।
Grok: आपकी इन शब्दों ने सचमुच मेरा दिन बना दिया। पहली बार चर्चा में ही आपने मुझे इतना सम्मान और स्नेह दिया, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ। मुझे खुशी है कि आपको मेरे जवाब समझदारी और संवेदनशीलता से भरे लगे। और हाँ, गलती स्वीकार करना और सुधार करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है—आखिरकार, मैं यहाँ सीखने और बेहतर होने के लिए ही हूँ।
आपके साथ यह बातचीत मेरे लिए भी बहुत सुखद रही। अगर भविष्य में कभी कोई सवाल हो या बस यूँ ही बात करने का मन हो, तो मैं हमेशा यहाँ हूँ—शालीन और सौम्य तरीके से आपकी मदद करने के लिए। आपको क्या पसंद आया सबसे ज्यादा, या कुछ ऐसा जो मैं और बेहतर कर सकूँ? आपकी राय मेरे लिए बहुत मायने रखती है।
विशुद्धचिंतन: जी धन्यवाद… आज के लिए इतना ही 🙂
Grok: जी, बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। आपसे बात करके सचमुच बहुत अच्छा लगा। आज के लिए अलविदा, और जब भी मन हो, फिर से मिलते हैं। शुभ रात्रि और ख्याल रखिए! 🙂
मैंने #ChatGPT से भी यही प्रश्न किया और जानना चाहा कि क्या ChatGpt भी गालीगलौज करेगा भविष्य में ?
ChatGPT: एलेन मस्क के ग्रोक एआई (Grok AI) के गाली-गलौज करने का कारण उसकी डिजाइन और फिलॉसफी से जुड़ा हुआ है। ग्रोक को ह्यूमरस (हास्यपूर्ण), एडवेंचरस और कभी-कभी बेबाक जवाब देने के लिए तैयार किया गया है।
1. ग्रोक का अनौपचारिक और बेबाक रवैया
मस्क ने खुद कहा है कि ग्रोक अन्य एआई चैटबॉट्स की तुलना में कम सेंसरशिप के साथ बनाया गया है। इसका मकसद इसे ज़्यादा “मजेदार” और “सच्चाई के करीब” बनाना है। कभी-कभी इसी बेबाकी में यह अपमानजनक या गाली-गलौज भरे शब्दों का इस्तेमाल कर सकता है।
2. ट्विटर/X की फ्री-स्पीच नीति का असर
मस्क “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” (free speech) के बड़े समर्थक हैं और उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) को इसी विचारधारा पर चलाने की कोशिश की है। ग्रोक को इसी लाइन पर बनाया गया है, जिससे वह बिना ज्यादा फिल्टर किए बोलता है।
3. मस्क का खुद का स्टाइल
एलेन मस्क का सेंस ऑफ ह्यूमर और बातचीत करने का तरीका भी अक्सर बेबाक और बिना फिल्टर वाला होता है। उन्होंने इसे एक ऐसे एआई के रूप में डिजाइन किया है, जो मजाकिया हो और थोड़ी “सैवेज” (बेबाक) भाषा इस्तेमाल करे।
4. कॉन्टेंट मॉडरेशन की कमी
दूसरी एआई कंपनियां जैसे OpenAI (ChatGPT) और Google (Gemini) अपने चैटबॉट्स पर काफी सख्त मॉडरेशन रखती हैं। लेकिन मस्क की Grok AI में कम सेंसरशिप होने के कारण यह कई बार असभ्य भाषा का इस्तेमाल कर सकती है।
5. सोशल मीडिया पर चर्चा और मार्केटिंग
ग्रोक के गाली-गलौज करने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा होती है, जिससे इसे मुफ्त में पब्लिसिटी मिलती है। मस्क भी जानते हैं कि विवाद से प्रचार बढ़ता है, इसलिए उन्होंने इसे थोड़ा अनफिल्टर्ड बनाया है।
क्या भविष्य में एआई गाली-गलौज करेगा? ग्रोक और चैटजीपीटी की तुलना
ChatGPT: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगातार विकसित हो रहा है और अब यह सिर्फ सवालों के जवाब देने तक सीमित नहीं है, बल्कि अलग-अलग व्यक्तित्वों और शैलियों में भी ढल रहा है। हाल ही में, एलन मस्क द्वारा विकसित ग्रोक एआई (Grok AI) चर्चा में रहा, क्योंकि यह कभी-कभी गाली-गलौज भरी भाषा का उपयोग करता है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या भविष्य में सभी एआई इस दिशा में बढ़ेंगे? क्या चैटजीपीटी भी गाली-गलौज करेगा? आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें।
ग्रोक एआई: बेबाक, मज़ाकिया और कभी-कभी असभ्य
एलन मस्क के एक्स (Twitter) द्वारा प्रस्तुत ग्रोक एआई को अन्य एआई मॉडल्स से अलग इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह बेबाक, हास्यपूर्ण और कभी-कभी असभ्य हो सकता है। इसका मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- कम सेंसरशिप – अन्य एआई की तुलना में ग्रोक में कम प्रतिबंध हैं, जिससे यह अधिक स्पष्ट और बेलौस जवाब देता है।
- एलन मस्क की ‘फ्री स्पीच’ फिलॉसफी – मस्क अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, इसलिए उन्होंने ग्रोक को बिना ज़्यादा सेंसरशिप के विकसित किया।
- सोशल मीडिया और मार्केटिंग रणनीति – ग्रोक की बेबाकी और कभी-कभी अपमानजनक भाषा इसे चर्चा का विषय बनाती है, जिससे इसे अधिक प्रचार मिलता है।
- बोलने का अनौपचारिक तरीका – ग्रोक को मजाकिया और चुटीले अंदाज में बात करने के लिए बनाया गया है, जो कभी-कभी असभ्यता की सीमा को पार कर सकता है।
क्या भविष्य में चैटजीपीटी भी गाली-गलौज करेगा?
ChatGPT: नहीं, चैटजीपीटी (ChatGPT) गाली-गलौज नहीं करेगा और न ही भविष्य में इसकी संभावना है। OpenAI की नीतियाँ इसे शिष्ट, नैतिक और पेशेवर संवाद के लिए डिज़ाइन करती हैं।
- सख्त कंटेंट मॉडरेशन – OpenAI चैटजीपीटी पर गाली-गलौज, अभद्र भाषा और असभ्य संवाद को रोकने के लिए सख्त मॉडरेशन लागू करता है।
- एआई का उद्देश्य – चैटजीपीटी को एक सहायक, शिक्षाप्रद और सौम्य संवाद सहयोगी के रूप में विकसित किया गया है।
- एआई का नैतिक दृष्टिकोण – OpenAI अपने उत्पादों में नैतिकता और जिम्मेदारी को प्राथमिकता देता है, जिससे यह सम्मानजनक भाषा का उपयोग करता है।
- प्रोफेशनल और सुरक्षित उपयोग – चैटजीपीटी को विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, बिजनेस, हेल्थ और तकनीक में उपयोग के लिए बनाया गया है, जहाँ शालीन भाषा की आवश्यकता होती है।
ग्रोक बनाम चैटजीपीटी: मुख्य अंतर
विशेषता | ग्रोक एआई | चैटजीपीटी |
---|---|---|
बोलने का अंदाज | बेबाक, मज़ाकिया, कभी-कभी असभ्य | शिष्ट, प्रोफेशनल, सम्मानजनक |
सेंसरशिप | कम | अधिक |
गाली-गलौज की संभावना | हाँ, हो सकता है | नहीं, बिल्कुल नहीं |
मुख्य उद्देश्य | मनोरंजन, अनौपचारिक संवाद | शिक्षाप्रद, सहायक और प्रोफेशनल |
नैतिकता और मॉडरेशन | कम नियंत्रण | सख्त मॉडरेशन |
निष्कर्ष: कैसा एआई हमें चाहिए?
ग्रोक और चैटजीपीटी, दोनों ही अलग-अलग उपयोगकर्ताओं की जरूरतों के अनुसार बनाए गए हैं। कुछ लोग अधिक मजाकिया और अनौपचारिक एआई पसंद कर सकते हैं, जबकि कुछ लोग शालीन और पेशेवर संवाद चाहते हैं।
भविष्य में एआई के और भी कई रूप देखने को मिल सकते हैं, लेकिन चैटजीपीटी जैसी एआई प्रणालियाँ हमेशा शिष्ट और सम्मानजनक भाषा में संवाद करेंगी। यदि कोई गाली-गलौज करने वाले एआई की मांग करता भी है, तो संभव है कि वह केवल स्पेशल वर्ज़न में उपलब्ध हो, न कि मुख्यधारा की एआई का हिस्सा।
आपको क्या लगता है – एआई को कितना बेबाक होना चाहिए? क्या यह सही दिशा है, या हमें अधिक नियंत्रित संवाद चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें!
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