तो फिर लिव-इन-रिलेशनशिप वैध कैसे हो गया ?

विवाह पूर्व यौन संबंध न केवल अनैतिक है बल्कि सभी धर्मो के सैद्धांतिक मतों के खिलाफ भी है। अदालत ने विवाह पूर्व यौन संबंध को अनैतिक करार देते हुए कहा है कि बिना किसी ठोस वजह के केवल विवाह करने के वादे के आधार पर दो वयस्कों के बीच बने यौन संबंध को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। दिल्ली की एक अदालत ने यह टिप्पणी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले 29 वर्षीय व्यक्ति को दुष्कर्म के आरोप से बरी करते हुए की।
यदि अदालत यह मानती है कि विवाह पूर्व यौन सम्बन्ध अनैतिक है और सभी धर्मों के सैधांतिक मतों के विरुद्ध है, तो फिर लिव-इन-रिलेशनशिप वैध कैसे हो गया ?
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