कृषि जगत

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त्याग और स्वतंत्रता: मेरी जीवन की क्रांति

25-30 वर्ष पहले जो घरों की शान हुआ करते थे, जिन्हें बड़े सम्मान और गर्व के साथ रखा जाता था, आज लोग उन्हें भूल चुके हैं। आज कोई दहेज में कैसेट डेक या टू-इन-वन नहीं मांगता। जानते हैं क्यों ? क्योंकि उपयोगी वस्तु हो, पशु हो, या इंसान, एक दिन अनुपयोगी हो जाता है। एक…

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**मनुष्य की सेहत के साथ खिलवाड़: हाइब्रिड टमाटरों का खतरा और उसकी गंभीरता**

आज की भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में हर कोई अधिक मुनाफा कमाने और आसानी से चीज़ों को हासिल करने की होड़ में लगा है। इस लत ने हमें हमारी प्रकृति और सेहत से कितना दूर कर दिया है, इसका अंदाजा हम शायद अब नहीं लगा पा रहे। सबसे खतरनाक उदाहरण हाइब्रिड टमाटरों का है, जिनका इस्तेमाल बेताहाशा…

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प्रकृति और कृषि के शोषण

प्रकृति और कृषि के शोषण पर आधारित यह लेख मानवता के लिए एक चेतावनी है। हमारे जीवन की आधारभूत स्तंभ प्रकृति और कृषि का अत्यधिक शोषण किया जा रहा है। इस शोषण से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि किसानों की हालत भी दयनीय होती जा रही है। मानव ने विकास के…

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भारत का कृषि प्रधान देश होने का भ्रम

प्रारंभिक भ्रम हममें से अधिकांश ने बचपन में पढ़ा था कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन जैसे ही गाँव से निकलकर शहरों में कदम रखा, असलियत सामने आई। भारत एक ऐसा देश बन चुका है जहाँ आम नागरिकों का जीवन माफिया और दलालों के हाथों में है। यहाँ जन्म लेने वाला हर व्यक्ति…

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अपने जीवन को ऊर्जावान बनाएं: शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और आर्थिक विकास

अपने जीवन को ऊर्जावान बनाने के लिए शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और आर्थिक विकास अत्यंत आवश्यक हैं। इसके लिए प्राकृतिक साग-सब्जियां, फल, और अनाज उगाने या खरीदने में कंजूसी न करें। यह शुद्ध आहार आपके समग्र विकास के लिए आवश्यक है और यह उस परमात्मा का प्रसाद है जो आपके मन में बसा है। सच्ची मेहनत…

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उत्तम कृषि निकृष्ट चाकरी
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उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी, भीख निदान

मजदूरी करना यदि गौरव की बात होती, किसानी करना यदि गौरव की बात होती, तो चाकरी या गुलामी करने वाले लोग आदर्श ना होते समाज के। अक्सर देखता हूँ लोगों को कहते हुए कि देखो फलाने की माँ, फलाने का पिता मजदूरी करता था या किसानी करता था। आज वह आईएएस बनकर अपने माता-पिता का…

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बचपन के दौरान लालटेन में पढ़ाई कम हंसी-ठिठोली और आनंददायक जीवन!

हमारे बचपन के ढिबरी लेम्प या लालटेन के नीचे पढ़ाई कम हँसी ठिठोली या न से भरा आनंददायक जीवन!

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मेरा नाम करेगा रोशन जग में मेरा राजदुलारा

“तुझे सूरज कहूँ या चन्दा, तुझे दीप कहूँ या तारा, मेरा नाम करेगा रोशन, जग में मेरा राज दुलारा” यह गीत सुना ही होगा आप सभी ने ? बहुत ही प्यारा गीत है और एक अपने पुत्र को लेकर जो एक पिता की अपेक्षाएँ रहती हैं, वह व्यक्त किया गया है इस गीत में। लेकिन…

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प्राकृतिक जीवन शैली और अप्राकृतिक जीवन शैली का अंतर

प्राकृतिक जीवन शैली और अप्राकृतिक जीवन शैली दो बिलकुल विपरीत जीवन शैलियाँ हैं। प्राकृतिक जीवन शैली आपको प्रकृति से जोड़ती है और स्वतन्त्रता प्रदान करती हैं। जबकि अप्राकृतिक अर्थात आधुनिक (Modern) अर्थात शहरी जीवन शैली आपको प्रकृति से दूर करती है और परतंत्रता प्रदान करती है। प्राकृतिक जीवन शैली शांति प्रदान करती है, जबकि अप्राकृतिक…

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आज प्रकृत जीवन की खुशबू ही गायब पर हवा, पानी में प्लास्टिक और जहर!

अब इन गन्ने के छिलके के बर्तनों को फेंकने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि काॅकरी या घर के बर्तनों की तरह फिर से उसे धोकर साफ कर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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पूंजीवादी गुलाम
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पूंजीवादी गुलामी जीवन में ऊंट के मुंह में जीरा की तरह जहरीले सब्जियां!

पूंजीवादी गुलामी जीवन में ऊंट के मुंह में जीरा की तरह जहरीले सब्जियां!

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पूंजीवादी गुलामी नर्किय व्यवस्था से खुद को स्वतंत्र कैसे करें?

ये पिशाची पूंजीवादी सरकारें Narcissists आपको इस धरती पर गुलाम बना, नर्क का रास्ता दिखा देती हैं न कि स्वर्ग का? आप जिंदगी भर उनकी नौकरियां कर, उनके लिए व्यवसाय कर, उनके प्रोडक्ट को बेच और उनके ही प्रोडक्ट को खरीद, और उनके ही प्रोडक्ट यूज कर, आप जीवन भर उनके कोल्हू के बैल की…

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