विद्वता की सच्ची पहचान: गुलामी नहीं, स्वतंत्रता !
ऐसे किसी भी धार्मिक ग्रंथ को पढ़ने से क्या लाभ, जो न तो समाज को सुधार सके, न ही भ्रष्टाचार में डूबी सरकारों, नेताओं और पार्टियों को। अगर कोई ग्रंथ व्यक्ति को सच के मार्ग पर चलने की प्रेरणा नहीं देता, अन्याय के खिलाफ खड़े होने का साहस नहीं देता, तो वह सिर्फ शब्दों का…