प्रेरक व्यक्तित्व

प्रायोजित महामारी के डर से कैसे बचा जाए
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प्रायोजित महामारी के डर से कैसे बचा जाए ?

प्रश्न: महामारी के कारण मेरे मन में मरने का जो डर बैठ गया है उसके सम्बन्ध में कुछ कहिए? ओशो: “इस डर से कैसे बचा जाए..?’ क्योंकि वायरस से बचना तो बहुत ही आसान हैं, लेकिन जो डर आपके और दुनिया के अधिक लोगों के भीतर बैठ गया है, उससे बचना बहुत ही मुश्किल है…

कभी किसी को वचन मत देना
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भूलकर भी किसी को वचन मत देना

मुल्ला नसरुद्दीन मरता था तो उसने अपने बेटे को कहा कि अब मैं तुझे दो बातें समझा देता हूं। मरने के पहले ही तुझे कह जाता हूं इन्हें ध्यान में रखना। दो बातें हैं। एक आनेस्टी (ईमानदारी) और दूसरी है—विजडम (बुद्धिमानी)। तो, दुकान तू सम्हालेगा, काम तू सम्हालेगा। दुकान पर तखती लगी है आनेस्टी इज…

सुख दुःख के साथी
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सुख और दुःख में साथ खड़े होने वालों का महत्व: ओशो का दृष्टिकोण

जीवन में जब हम सुखी होते हैं, तो हमारे आसपास बहुत से लोग खड़े नजर आते हैं। यही स्थिति दुःख के समय भी होती है। अक्सर हम मान लेते हैं कि ये लोग, जो हमारे सुख और दुःख में साथ खड़े होते हैं, हमारे अपने हैं। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है? ओशो का कहना…

लोमड़ी शिष्य नहीं हो सकती
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लोमड़ी कभी शिष्य नहीं हो सकती

“हां, लोमड़ी कभी शिष्य नहीं हो सकती।”लोमड़ी बहुत चालाक है, गणनात्मक है, तर्कशील है। लोमड़ी का मन हमेशा अधिक जानकारी, अधिक ज्ञान की खोज में रहता है – लेकिन अधिक समझ की नहीं। लोमड़ी का मन जो भी कहीं से मिल सके, उसे बटोरने में लगा रहता है ताकि वह और अधिक ज्ञानी बन सके।…

स्वयं को स्वीकारें
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स्वयं को स्वीकारना: डर से पार पाने का पहला कदम

डर एक ऐसा भाव है जिसे हम सभी जीवन के अलग-अलग पड़ावों पर अनुभव करते हैं। हालांकि अनिश्चितता या खतरे जैसे बाहरी कारण डर को जन्म दे सकते हैं, इसका सबसे गहरा स्रोत हमारे भीतर होता है। जैसा कि जिद्दु कृष्णमूर्ति ने कहा है,“डर के प्रमुख कारणों में से एक यह है कि हम स्वयं…

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ध्यान के दौरान आने वाली बाधाओं से कैसे निबटा जाए ?

प्रश्न:–ध्यान के दौरान खुजली व दर्द जैसी बाधा डालने वाली भावनाओं से कैसे निबटा जाए ? ध्यान में, ज्यादातर शारीरिक दर्द बाधा डालते हैं। क्या आप बताएंगे कि जब दर्द हो रहा है तब उस पर ध्यान कैसे किया जाए? ओशो:– यह वही है जिसकी मैं बात कर रहा था। यदि तुम दर्द महसूस करते…