आश्वासन

आश्वासन गर्म नहीं होते
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आश्वासन गर्म नहीं होते: एक प्रेरक कथा

सर्दी अपने चरम पर थी। हवा की हर सिहरन शरीर को छूती, और मानो आत्मा तक को ठिठुरा देती। सड़क के किनारे, एक पुरानी दुकान की छांव में, एक बूढ़ा भिखारी सिकुड़ा हुआ बैठा था। उसके फटे-पुराने वस्त्र ठंड को रोकने में असमर्थ थे। उसके कांपते हाथों में प्रार्थना का कंपन था, और आँखों में…