क्या समाज नहीं जानता कि अनैतिक और अधर्म क्या है ?
समाज हमेशा उन लोगों को आदर्श बनाने की दौड़ में लगा रहता है जो संतुष्ट, सुखी और सम्पन्न हैं। लेकिन सवाल यह है कि जो पहले से ही संतुष्ट और सुखी हैं, उन्हें आदर्श बनाने से क्या फायदा? वे तो बस एक ही सीख देते हैं: “मैं सुखी तो जग सुखी” के सिद्धान्त पर चलो,…