पर्यावरण चेतना

main sukhi to jag sukhi ka siddhant ek bhranti
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मैं सुखी तो जग सुखी का सिद्धान्त ले डूबा प्राणी जगत को

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आज के पढ़े-लिखे समाज ने एक बहुत बड़ा भ्रम पाल लिया है कि भौतिक सुख ही वास्तविक सुख है, और बाकी सब मिथ्या। इन्हें लगता है कि इंसानों द्वारा किए गए आविष्कार ही जीवन के आधार हैं, बाकी सब निरर्थक। यह विचारधारा इतनी गहराई तक समा चुकी है कि इनकी स्थिति उन धार्मिक कट्टरपंथियों जैसी…

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