आध्यात्मिकता

meri maulik avaaz meri lekhi
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मेरी वेदना मेरी आवाज़ है मेरी लेखनी

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माना कि मेरे लेख मेन स्ट्रीम मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं। माना कि इन शब्दों से किसी के मन में कोई उथल-पुथल नहीं मचती, न कोई क्रांति जन्म लेती है, न ही कोई बड़ा बदलाव आता है। फिर भी, मैं लिखता हूं। क्यों? क्योंकि लिखना मेरा काम नहीं, मेरी सांस है। जैसे जंगल…

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bhikhari nahi hoon main
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मुझे भिखारी कहने से पहले अपने भीतर झाँक लेना

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अब तक मैं सिर्फ जंगल और अपनी झोंपड़ी की तस्वीरें साझा कर रहा था, लेकिन आज मैंने अपनी झोंपड़ी की तस्वीर साझा की है। खास उन लोगों के लिए, जिन्हें लगता है कि मैं ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा हूँ, भीख में मिले पैसों से अय्याशी कर रहा हूँ। तो देख लीजिए, यही वह झोंपड़ी…

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chidanandrupah shivoham shivoham
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चिदानंदरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्

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श्लोक:न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखंन मंत्रो न तीर्थं न वेदाः न यज्ञः।अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ताचिदानंदरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्॥ यह श्लोक अद्वैत वेदांत और शिवत्व के मूल भाव को प्रकट करता है। इसे आदि शंकराचार्य के प्रसिद्ध “निर्वाण षट्कम्” से लिया गया माना जाता है, जिसमें आत्मा की वास्तविकता को स्पष्ट किया…

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guru, bhakti aur samaj kii vidambana
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गुरु, भक्ति और समाज की विडंबना

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इस संसार में किसी के जन्म-मरण से तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि उसके नाम पर व्यापार खड़ा न किया जा सके, कमाई का साधन न बनाया जा सके। यही कारण है कि वे गुरु, जिनके नाम पर अरबों-खरबों की संपत्ति खड़ी होती है, जिनके आश्रमों में राजनीति चमकती है, जिनकी शिक्षाओं…

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मनोविज्ञान में डिटैचमेंट का सिद्धांत (law of detachment)
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मनोविज्ञान में डिटैचमेंट का सिद्धांत (Law of Detachment)

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मनोविज्ञान में डिटैचमेंट का सिद्धांत (Law of Detachment) यह सिखाता है कि हमें परिणामों, परिस्थितियों या दूसरों के व्यवहार को नियंत्रित करने की आवश्यकता से मुक्त होकर जीना चाहिए। यह सिद्धांत मानसिक शांति, संतुलन और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह समझाना है कि जब हम अपनी उम्मीदों और इच्छाओं को…

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कमाकर खाओ
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बुरे समय में कोई साथ नहीं देता, इसलिए धन अर्जन आवश्यक है

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यह जीवन का कटु सत्य है कि बुरे समय में लोग आपका साथ छोड़ देते हैं। ऐसा प्रायः सभी के साथ होता है। बहुत कम लोग इस दुनिया में ऐसे मिलते हैं, जिन्हें कठिन समय में किसी का सहारा मिला हो और वे बिखरने से बच गए हों। यहां तक कि जिनके पास करोड़ों की…

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आश्रम अब आध्यात्मिक केंद्र नहीं रहे
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आश्रम अब आध्यात्मिक केंद्र नहीं रहे

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आधुनिक समय में आश्रमों का स्वरूप और उद्देश्य दोनों बदल चुके हैं। अब ये आध्यात्मिक साधना और आत्मान्वेषण के केंद्र न रहकर छुट्टियाँ बिताने, पिकनिक और पार्टी करने के स्थान बन चुके हैं। यहाँ आकर न केवल लोग मौज-मस्ती करते हैं, बल्कि खुद को धार्मिक, सात्विक और आध्यात्मिक होने का अहंकार भी बनाए रखते हैं।…

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जीवन का उद्देश्य
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क्या जीवन का उद्देश्य परम्पराओं का निर्वहन है ?

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जीवन का उद्देश्य क्या है ? यह प्रश्न लगभग हर व्यक्ति के मन में उठता है। लेकिन इस प्रश्न का उत्तर तलाशने की दिशा में बहुत कम लोग प्रयास करते हैं। अधिकांश लोग अपने जीवन को एक प्रीप्रोग्राम्ड स्वचालित मशीन की तरह जीते हैं। उनके लिए जीवन बस एक ढर्रे पर चलता हुआ क्रम है,…

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जब कोई साथ ना हो तब भी कोई साथ होता है
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जब अपने साथ छोड़ देते हैं तब परायों से सहयोग मिलता है

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सोशल मीडिया के समझदार, कर्मवादी और मेहनती लोगों ने मुझे अपनी फ्रेंडलिस्ट से बाहर निकाल दिया है। कारण पर चिंतन किया तो यही समझ में आया कि मैं उनकी तरह समझदार, कर्मवादी और मेहनती नहीं हूँ। मैं सोशल मीडिया पर दान और आर्थिक सहयोग मांग लेता हूँ। और मेहनती, कर्मवादी लोगों की नजर में दान…

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सम्मान की चाह या स्वतन्त्रता का चुनाव
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सम्मान की चाह या स्वतन्त्रता का चुनाव ?

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महत्वपूर्ण यह नहीं कि कौन आपको चाहता है, बल्कि यह है कि कौन आपको महत्व देता है और आपका सम्मान करता है। अक्सर, जब हम दूसरों की नजरों में विशेष बनने की कोशिश करते हैं, तो अपनी मौलिकता खो बैठते हैं। हमें वैसा बनने की मजबूरी होती है, जैसा दूसरा चाहता है। इस प्रक्रिया में…

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अकेला ही चलना पड़ता है
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अकेलेपन से जागृति तक: एक आत्मिक यात्रा

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जागरूकता की पहली किरण पहले मैं संगठन, संस्था, समाज को बहुत महत्व देता था, क्योंकि मैं जागृत नहीं था। लेकिन जिस दिन जागा, उस दिन से फिर कभी किसी संस्था, संगठन, समाज से जुड़ने की इच्छा नहीं हुई। किसी विवशता में यदि जुड़ा भी, तो उस भीड़ में एक एलियन, एक अजनबी की तरह ही…

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अपनी योजनाओं को गुप्त रखें: सफलता का मूलमंत्र

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हम सभी अपने जीवन में कुछ न कुछ योजनाएँ बनाते हैं। चाहे वह व्यक्तिगत हो, व्यावसायिक, या सामाजिक। हर योजना का उद्देश्य होता है उसे सफलतापूर्वक पूरा करना। लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जब हम अपनी योजनाओं का खुलासा पहले ही कर देते हैं, तो वह अधूरी रह जाती हैं या उनमें अनावश्यक…

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