आजादी

sangharsh gulami se aajadi ke liye
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बुलबुल का संघर्ष स्वतन्त्रता के लिए

“प्रश्न: “जब आप माफियाओं और उनके चाकरों, गुलामों और भक्तों की आलोचना करते हो, उन्हें लुटेरा और प्रकृति का शत्रु कहते हो, तो फिर भला वे आपकी सहायता करेंगे क्यों ? और जब माफियाओं और लुटेरों की चाकरी, भक्ति, गुलामी ना करने वाले आप जैसे लोगों को सहायता मांगनी पड़ रही है स्वतन्त्र जीवन जीने…

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आजादी की गुलामी: शिक्षा और मानसिकता का संकट

आजादी के बाद, हमने शिक्षा के नाम पर डिग्री हासिल की, लेकिन इस प्रक्रिया में हम शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से गुलाम हो गए हैं। हम ऐसे नवाब बन गए हैं कि हमें यह भी नहीं पता चला कि कब हमारी ज़मीन खिसक गई। आज हमारे देश में कई लोग, चाहे वे सोने…