आरक्षण

वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था
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वर्ण-व्यवस्था और जाति-व्यवस्था में क्या अंतर है ?

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वर्ण-व्यवस्था कब और कैसे जाति-व्यवस्था में रूपांतरित हो गयी और कब जाति-व्यवस्था जाति-वाद में रूपांतरित हो गयी यह बता पाना कठिन है। लेकिन वर्ण-व्यवस्था की आलोचना करने वाले विद्वान ब्राह्मणों को दोषी ठहराते हैं जाति-वाद फैलाने का। उनका मानना है कि वर्ण व्यवस्था नहीं होती, तो जातिवाद भी नहीं होता। और यही लोग राजनैतिक/सरकारी जाति…

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क्यों चाहिए मंदिर और तीर्थ
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जातिवाद, आरक्षण, मंदिर और धर्म की आढ़ में धन और सत्ता के लिए दौड़

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एक ग्रुप में आरक्षण और मंदिर को लेकर चर्चा हो रही थी मेरी। दलितों का कहना था कि मंदिरों में केवल ब्राह्मणों को ही पुजारी बनने का अधिकार है, किसी को और नहीं। हजारों वर्षों से ब्राह्मणों का आरक्षण है पुजारी पद पर और अब जब अंबेडकर साहब ने हमें भी आरक्षण का अधिकार दिया,…

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aarakshan
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आईये आरक्षण खत्म करते हैं…

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‘सभी ऊँची जाति वालो को लगता है की आरक्षण खत्म कर देना चाहिए। मैं भी सोचता हूँ की आरक्षण अब खत्म ही हो जाये तो आईये आरक्षण खत्म करते हैं…….. -शंकराचार्य की कुर्सी पर ब्राह्मण का आरक्षण है, उसे खत्म करें और कुछ सालो के लिए एक दलित को नियुक्त किया जाये । – आर.एस.एस….

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