आत्म खोज

अकेला ही चलना पड़ता है
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अकेलेपन से जागृति तक: एक आत्मिक यात्रा

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जागरूकता की पहली किरण पहले मैं संगठन, संस्था, समाज को बहुत महत्व देता था, क्योंकि मैं जागृत नहीं था। लेकिन जिस दिन जागा, उस दिन से फिर कभी किसी संस्था, संगठन, समाज से जुड़ने की इच्छा नहीं हुई। किसी विवशता में यदि जुड़ा भी, तो उस भीड़ में एक एलियन, एक अजनबी की तरह ही…

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