आत्म-साक्षात्कार

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परतंत्रता में निश्चय ही सुविधा है और सुरक्षा भी

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क्या आप स्वतंत्र हैं?यह प्रश्न जितना साधारण लगता है, उतना ही गहरा और चुनौतीपूर्ण है। इस संसार में ऐसे अनगिनत लोग हैं, जो स्वयं को स्वतंत्र मानते हैं, जबकि उनका जीवन परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं। यह परतंत्रता केवल बाहरी नहीं है; यह भीतर तक फैली हुई है। स्वतंत्रता का अर्थ केवल बाहरी…

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टप्पू परदेसी का आत्म-साक्षात्कार

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कई हज़ार साल पुरानी बात है। टप्पू परदेसी ने आत्म-साक्षात्कार के लिए जंगल में जाकर तपस्या करने की ठानी। एक दिन घर-बार छोड़ कर जंगल में निकल गया तपस्या करने। कई वर्षों तक घनघोर तपस्या किया और जाना कि वह कौन है और क्यों आया है इस धरा में। लौट कर वापस अपने गाँव आया…

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