आत्मा

एकांतप्रिय होने कोई बीमारी नहीं है
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आज समाज के नाम पर केवल राजनैतिक, साम्प्रदायिक और जातिवादी भीड़ दिखाई देती है

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जो व्यक्ति समाज और भीड़ से अलग एकांत में रहना पसंद करते हैं और सीमित लोगों से ही मिलते-जुलते या बातचीत करते हैं, उन्हें मनोविज्ञान में “इंट्रोवर्ट” (Introvert) कहा जाता है। इंट्रोवर्ट के लक्षण: 1. एकांत प्रियता: ऐसे लोग अकेले समय बिताना पसंद करते हैं और इसमें उन्हें ऊर्जा मिलती है। उनके लिए एकांत एक…

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jivan maran ke chakra se mukti
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किसे पुनर्जन्म मिलेगा और किसे मोक्ष मिलेगा ?

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आजकल बहुत से लोग मोक्ष प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के कर्मकाण्डों में व्यस्त रहते हैं। किसी ने गंगा स्नान करने का वचन लिया है, तो कोई सवा पाँच रुपए का प्रसाद चढ़ाने का मन बना रहा है, सोचते हैं कि इससे जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाएगी और मोक्ष की प्राप्ति होगी।…

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sarita kii jubani

सरिता की जुबानी: एक क्रांतिकारी कहानी

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हमेशा से मौन का यह अर्थ नहीं है कि कोई सत्य नहीं बोल सकता। जब सत्य को इतनी प्रमाणिकता से कहा जाता है तो पैशाचिक व्यवस्थाएं थर-थर कांप उठती हैं, क्योंकि मौन में भी एक शक्ति होती है। फिर क्या हुआ? हमें 23.10. 24 को सस्पेंड कर दिया गया। सच हमेशा कड़वा होता है, और…

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swatantrata
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परतंत्रता में निश्चय ही सुविधा है और सुरक्षा भी

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क्या आप स्वतंत्र हैं?यह प्रश्न जितना साधारण लगता है, उतना ही गहरा और चुनौतीपूर्ण है। इस संसार में ऐसे अनगिनत लोग हैं, जो स्वयं को स्वतंत्र मानते हैं, जबकि उनका जीवन परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं। यह परतंत्रता केवल बाहरी नहीं है; यह भीतर तक फैली हुई है। स्वतंत्रता का अर्थ केवल बाहरी…

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