सामाजिक शिष्टाचार और वास्तविकता का अंतर
कैसे हैं आप? जब भी किसी व्यक्ति से मिलते हैं, पहला प्रश्न यही होता है, “कैसे हैं आप? क्या हाल हैं आपके ?” और उत्तर सामान्यतः यही मिलता है, “मैं बिलकुल ठीक हूं। ईश्वर की कृपा है।” लेकिन क्या यह संवाद हमारी वास्तविकता को दर्शाता है? प्रश्न करने और उत्तर देने वाले दोनों जानते हैं…