अनपढ़ों को समझ नहीं होती इसीलिए विरोध करते हैं विकास का
अनपढ़ों को समझ नहीं थी, इसलिए जैविक खेती #organicfarming करते थे। जबकि पढ़े-लिखों ने वैज्ञानिक चिंतन-मनन और प्रयोगों से जाना कि प्राकृतिक/जैविक खेती करने से विकास सम्भव नहीं होगा।
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अनपढ़ों को समझ नहीं थी, इसलिए जैविक खेती #organicfarming करते थे। जबकि पढ़े-लिखों ने वैज्ञानिक चिंतन-मनन और प्रयोगों से जाना कि प्राकृतिक/जैविक खेती करने से विकास सम्भव नहीं होगा।
कभी मैं प्रकृति के नियमों और मानव निर्मित नियमों में तुलना करता हूँ, तो मुझे प्रकृति के नियम मानवनिर्मित नियमों से हमेशा श्रेष्ठ व परिपक्व लगे। प्रकृति से गलती बहुत ही कम होती है और नियम उसने एक बार जो तय कर दिया तो सभी स्वतः बिना किसी तनाव व दबाव के न केवल स्वीकारते…