दृष्टिकोण सही-गलत के परे
श्लोक, किताब और प्रवचन से कुछ समझ में आना होता, तो पढ़े-लिखे विद्वानों को धर्म समझ में आ गया होता। यदि किसी को कुछ समझाना है, तो स्थानीय भाषाओं का ही प्रयोग करना चाहिए। हुआ यह कि हमारे देश में विलायती भाषाओं के माध्यम से ज्ञान बाँटना शिक्षित होने की निशानी है। स्थानीय भाषाओं के…