अनुयायी

guru, bhakti aur samaj kii vidambana
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गुरु, भक्ति और समाज की विडंबना

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इस संसार में किसी के जन्म-मरण से तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि उसके नाम पर व्यापार खड़ा न किया जा सके, कमाई का साधन न बनाया जा सके। यही कारण है कि वे गुरु, जिनके नाम पर अरबों-खरबों की संपत्ति खड़ी होती है, जिनके आश्रमों में राजनीति चमकती है, जिनकी शिक्षाओं…

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भक्त या प्रचारक होना सहज है किन्तु...
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भक्त या प्रचारक होना सहज है किन्तु व्यवहारिक होना कठिन

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भक्ति में डूब जाओ, ध्यान में डूब जाओ, भजन-कीर्तन, रोज़ा, नमाज़, व्रत-उपवास, पूजा-पाठ, स्तुति-वन्दन में डूब जाओ और भूल जाओ कि देश डूब रहा है, समाज डूब रहा है, परिवार डूब रहा है, नैतिकता, धार्मिकता, परस्पर विश्वास और सहयोगिता का भाव डूब रहा है। क्योंकि भक्ति में डूबे हुए लोगों को बचाने तो स्वयं ईश्वर/अल्लाह…

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भक्ति में शक्ति wpp1674838332178
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भक्ति में होती है असीम शक्ति

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क्या कभी चिंतन-मनन करके जानने का प्रयास किया है कि क्यों अचानक से सोशल मीडिया पर ऐसे प्रवचन और सुविचारों की बाढ़ आ गयी, जो यह समझा रहे हैं कि ध्यान में डूब जाओ, भजन करो, कीर्तन करो और भूल जाओ बाहरी दुनिया को ? क्यों धार्मिक और आध्यात्मिक होने की परिभाषा आज चार्वाक दर्शन…

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अनुयायी ना तो देशभक्त बन पाये और ना ही धार्मिक बन पाये 675x356.jpg
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शिष्य और अनुयायी ना तो देशभक्त बन पाये और ना ही धार्मिक बन पाये

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ऐसा क्यों हुआ कि देश से देशभक्त और धार्मिक लोग लुप्त हो रहे हैं और देश व जनता को लूटने और लुटवाने वालों और धर्म व जातियों के ठेकेदारों के चाटुकार और भक्तों का वर्चस्व बढ़ता चला जा रहा है ?

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