स्वयं का जाना ज्ञान अविश्वसनीय दूसरों का जाना ज्ञान विश्वनीय क्यों माना जाता है ?
कहते हैं लोग मुझसे कि खुद के ज्ञान को परमसत्य मत मानो। मैं स्वयं का जाना ज्ञान को परमसत्य नहीं मान सकता, लेकिन आप लोग दूसरों का जाना ज्ञान को परमसत्य माने बैठे हैं, तो क्यों ? क्या केवल इसलिए कि दूसरों के ज्ञान में खुद कि कोई जवाबदेही नहीं होती ? जिसे आप लोग…