चिंतन

drishtikon badal lo
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दृष्टिकोण (नज़रिया) बदल लो दुनिया बदल जाएगी

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एक ऐसा व्यक्ति था जिसे समाज, सरकार, पुलिस, प्रशासन… किसी पर विश्वास नहीं रहा। उसे हर विभाग भ्रष्ट, हर अधिकारी बेईमान और हर व्यवस्था कमजोर लग रही थी। उसका मन इतना खिन्न हो गया था कि उसे हर तरफ अंधकार ही अंधकार दिखाई देता था। लोगों ने उससे कहा, “तुम्हारी आँखें खराब हो गई हैं।…

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क्या खोया और क्या पाया
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वर्षांत चिंतन: बीते वर्ष में क्या खोया और क्या पाया

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आज वर्ष 2024 का अंतिम दिन है। हम अगले वर्ष 2025 में फिर इसी मंच पर मिलेंगे। लेकिन आज का दिन विशेष है। यह दिन हमें ठहरकर चिंतन-मनन करने का अवसर देता है—क्या खोया, क्या पाया और किस दिशा में हमारा जीवन बढ़ रहा है। पिछले वर्ष, यानी 2023 के नवम्बर में, मैंने आश्रम जीवन…

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जीवन के दो मार्ग गुलामी या आजादी
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जीवन के दो मार्ग: गुलामी या आजादी ?

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जीवन में मार्गों की कोई कमी नहीं है। कहने और दिखाने के लिए सैकड़ों रास्ते उपलब्ध हैं। आनंदमार्ग, परमानंदमार्ग, सत्यमार्ग से लेकर महात्मा गांधी मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग तक; धर्मों से जुड़ी पहचान—हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, यहूदी—और राजनीतिक विचारधाराएँ—वामपंथ, दक्षिणपंथ, उग्रपंथ, गरमपंथ—हर ओर आपको विकल्प दिखाई देंगे। लेकिन इन तमाम विकल्पों की भीड़ में…

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