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jab bharat sone kii chidiya tha
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प्राचीन दिवाली: जब भारत सोने की चिड़िया था

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कई हजार वर्ष पुरानी बात है। उन दिनों भारत को “सोने की चिड़िया” कहा जाता था, क्योंकि यहाँ समृद्धि और सुख की कोई कमी नहीं थी। ऐसा लगता था मानो यह सोने के पिंजरे में बंद कोई शांति से सोती हुई चिड़िया हो। देश की प्रजा इतनी खुशहाल और संपन्न थी कि जीवन में न…

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dharmsankat mein chunmun pardesi
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धर्मसंकट में चुनमुन परदेसी

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चुनमुन परदेसी अपने सेनापतियों के साथ मंत्रणा कक्ष में बैठे गहन मंत्रणा कर रहे थे। सुबह सुबह ही कौरवों के राजदूत ने महाभारत युद्ध में उनकी ओर से युद्ध में सम्मालित होने का निमंत्रण दिया था। शाम को पांडवों के राजदूत के आने की सूचना मिली थी। तो मंत्रणा यह चल रही थी कि कौरवों…

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व्यापार में सब जायज है

मैंने साधु-समाज को बहुत निकट से देखा है

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लोग मेरा भगवा देखकर सीधे रामायण, गीता, वेदों की बातें करने लगते हैं। भले इन ग्रन्थों को कभी पढ़ा न हो, केवल कुछ किस्से कहानियाँ पढ़ या सुन ली कहीं से और चले आते हैं वाद-विवाद करने। और जब मैं कहता हूँ कि इन सब विषयों में मेरी कोई रुचि नहीं, तो उन्हें बड़ा आश्चर्य…

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kahan hai samaj
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समाज सेवा जैसी मूर्खतापूर्ण कार्य मैं नहीं करता

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संन्यास लेने के बाद जो सबसे बड़ा बदलाव मेरे भीतर हुआ, वह यह कि अब मुझे समाज मे रुचि नहीं। अब मुझे किसी के घर जाने से, किसी उत्सव, किसी सभा, किसी सत्संग में जाने पर आनन्द की अनुभूति नहीं होती। सच तो यह है कि अब मुझे किसी से मिलकर, किसी से बात करने…

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दुनिया का सबसे असफल अभियान
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जागृति अभियान दुनिया का सबसे असफल अभियान

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जागृति अभियान एक ऐसा अभियान है, जो दुनिया का सबसे असफल अभियान माना जा सकता है। जानते हैं क्यों ? क्योंकि दुनिया को जगाने वाला मुर्गा कहलाता है और उसे मारकर ही दुनिया को चैन आता है। क्योंकि जगाने वाले का लेगपीस सबसे स्वादिष्ट माना जाता है। जगाने वालों का वही हश्र होता है, जो…

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धन के लिए दौड़ इंसान से सब सुख छीन लेता है
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धन के लिए दौड़ इंसान से सब सुख छीन लेता है

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तेलगी अपने जीवन के अंतिम क्षणो तक यही मानता रहा कि वह देशभक्त है और उसने जो कुछ भी किया जनता की भलाई के लिए ही किया। जब पुलिस अधिकारी तेलगी से कहता ही कि जो उसने हजारों करोड़ का घोटाला किया था, उन पैसों से सरकारें गरीब जनता के लिए अस्पताल, स्कूल, कॉलेज खुलवा…

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मुझमें और बाकी सभी पंथों के साधु-संन्यासियों में बहुत अंतर है

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आजकल अचानक से ओशो छा गए हैं सोशल मीडिया पर। दिन भर ओशो के विचार और प्रवचन शेयर हो रहे हैं विभिन्न पेजों के माध्यम से। और यदि ध्यान दें, तो पाएंगे कि ओशो के जो भी विचार शेयर किए जा रहे हैं, वे उन विचारों से भिन्न नहीं है जो अन्य पंथों, संप्रदायों के…

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जो ज्ञान आप लोगों के पास है उससे किसे लाभ हो रहा है ?
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जो ज्ञान आप लोगों के पास है उससे किसे लाभ हो रहा है ?

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मैं अब खेती करूंगा यह घोषणा की थी। बहुत से लोगों ने दुनिया भर की सलाह दी, खेती कैसे करना है, कैसे बीज बोना है, कितना पानी देना है, कब फसल काटना है से लेकर बाजार में कैसे बेचना है….तक का सारा ज्ञान उड़ेल दिया। मैंने जब फावड़ा चलाना शुरू किया, तो पंद्रह मिनट में…

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क्या सीखा गुरुओं से स्तुति वंदन और नामजाप के सिवाय
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क्या सीखा समाज ने गुरुओं से नामजाप, स्तुतिवंदन कीर्तन भजन के सिवाय ?

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एक महान गुरु से भेंट हुई मेरी और बताया गया कि इनमें बहुत सिद्धि है, इनकी आयु सवा सौ वर्ष से भी अधिक है और अभी भी पूर्णतः स्वार्थ हैं। जो भी इन्हें पूजता है, या इनके प्रति समर्पित होता है उनके सभी दुःख और कष्ट दूर हो जाते हैं। मैंने उनसे पूछा कि वे…

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जिन्हें मजिल का जुनून है
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ऐसी शिक्षा का कोई महत्व नहीं जो मानव को स्वतन्त्रता से अनभिज्ञ बनाता है

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शिक्षा चाहे आध्यात्मिक हो, चाहे धार्मिक हो, चाहे वैज्ञानिक हो, चाहे स्कूली हो, अशिक्षा ही मानी जाएगी, यदि शिक्षा व्यक्ति को चिंतन-मनन करने योग्य नहीं बनाता। उस शिक्षा का कोई महत्व नहीं है, जो शिक्षा व्यक्ति को इतना भी शिक्षित नहीं बना पाती कि सही और गलत का अंतर समझ सके। ऐसी शिक्षा का कोई…

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मानव के पास दो विकल्प होते हैं जीने के लिए
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उपयोगी प्राणी बन जाओ या फिर सहयोगी प्राणी बन जाओ !

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मानव के पास दो विकल्प होते हैं जीने के लिए। पहला और सर्वमान्य विकल्प है उपयोगी प्राणी बन जाओ और दूसरा है सहयोगी प्राणी बन जाओ। उपयोगी प्राणी बनने के लिए आपको योग्यता के मानकों पर खरा उतरना पड़ता है। अर्थात कुछ परीक्षाएँ, प्रतियोगिताएं पास करने होते हैं, कुछ विशेषताएँ विकसित करने होते हैं और…

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क्रांतिकारी होने से लाख गुना अच्छा है विद्रोही होना
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क्रांतिकारी होने से लाख गुना अच्छा है विद्रोही होना

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पहले मेरी धारणा थी कि क्रांतिकारी होना गर्व की बात है। लेकिन बरसों बाद समझ में आया कि क्रांति करने के लिए संगठन, पार्टी का सदस्य होना पड़ता है। अकेला व्यक्ति ना तो क्रान्ति कर सकता है, न ही क्रान्तिकारी हो सकता है। क्रांति तभी घटित होगी, जब सामूहिक चेतना जागृत होगी। लेकिन ऐसा तभी…

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