गुरु, भक्ति और समाज की विडंबना
इस संसार में किसी के जन्म-मरण से तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि उसके नाम पर व्यापार खड़ा न किया जा सके, कमाई का साधन न बनाया जा सके। यही कारण है कि वे गुरु, जिनके नाम पर अरबों-खरबों की संपत्ति खड़ी होती है, जिनके आश्रमों में राजनीति चमकती है, जिनकी शिक्षाओं…