धन और सुकून

Umkhakoi Lake, Meghalaya, India
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दुनिया की दौड़ जिस तरफ है, उसमें न चैन है और न सुकून

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पैसों की चकाचौंध के पीछे बहुत भागा, लेकिन एक दिन समझ में आया कि धन कितना भी बढ़ जाए, चाहे उसके नीचे दबकर ही मर जाओ, धन की कमी पूरी नहीं होगी । 1989-90 में जब मुझे साउंड स्टूडियो में असिस्टेंट रिकार्डिस्ट की पोस्ट मिली तब मेरी तनखा थी 650/- रुपये महीना । जब रिकार्डिस्ट…

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