एकांत जीवन

समाज से दूरी एक अनिवार्यता
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जागृत लोगों के लिए समाज से दूरी एक अनिवार्यता

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जब साधु-संन्यासियों के निवास स्थान की चर्चा होती है, तो आम धारणा यह है कि उनका कोई स्थायी निवास स्थान नहीं होता। उनके लिए संपूर्ण पृथ्वी ही निवास स्थान है। वे भ्रमणशील होते हैं, और यह अपेक्षा की जाती है कि वे भटकते रहें, ईश्वर की खोज में। कौन जाने, किस गली या चौबारे में…

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आश्रम अब आध्यात्मिक केंद्र नहीं रहे
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आश्रम अब आध्यात्मिक केंद्र नहीं रहे

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आधुनिक समय में आश्रमों का स्वरूप और उद्देश्य दोनों बदल चुके हैं। अब ये आध्यात्मिक साधना और आत्मान्वेषण के केंद्र न रहकर छुट्टियाँ बिताने, पिकनिक और पार्टी करने के स्थान बन चुके हैं। यहाँ आकर न केवल लोग मौज-मस्ती करते हैं, बल्कि खुद को धार्मिक, सात्विक और आध्यात्मिक होने का अहंकार भी बनाए रखते हैं।…

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