मानव निर्मित विधि-विधानों की पुस्तकें हैं, लेकिन सनातन धर्म की कोई पुस्तक नहीं है !
गौतम बुद्ध आए और “बुद्धम शरणम गच्छामी” का मन्त्र दे गए जपने के लिए। नानक आए और “एक ओंकार सतनाम” मन्त्र दे गए जपने के लिए। ठाकुर दयानन्द देव आए और “जय-जय दयानन्द, प्राण गौर नित्यानन्द” मन्त्र दे गए जपने के लिए। श्री आनन्दमूर्ति जी आए और “बाबा नाम केवलम” मन्त्र दे गए जपने के…