गुरु

guru, bhakti aur samaj kii vidambana
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गुरु, भक्ति और समाज की विडंबना

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इस संसार में किसी के जन्म-मरण से तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि उसके नाम पर व्यापार खड़ा न किया जा सके, कमाई का साधन न बनाया जा सके। यही कारण है कि वे गुरु, जिनके नाम पर अरबों-खरबों की संपत्ति खड़ी होती है, जिनके आश्रमों में राजनीति चमकती है, जिनकी शिक्षाओं…

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गुरुओं की आवश्यकता क्यों है
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गुरुओं की आवश्यकता क्यों है ?

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मैंने कई लोगों के घरों में देखा है एक से अधिक गुरुओं की तस्वीरें लटकी हुईं हैं दीवारों पर। कई देवी-देवताओं की तस्वीरें भी लगी हुई होती हैं। और कुछ के घरों में कई नेताओं और अभिनेताओं की तस्वीरें भी दीवारों पर फ्रेम की हुई मिलती हैं। तो प्रश्न उठता है कि गुरुओं की आवश्यकता…

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vishwa kalayan kii kaamana
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क्या आप भी विश्व कल्याण की कामना करते हैं ?

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हमारे गुरुजी बड़े त्यागी थे। क्या आप भी त्यागी हैं ? नहीं हम तो गृहस्थ हैं। दुनिया भर की जिम्मेदारियाँ हैं इसलिए भीख देते हैं त्याग के नाम पर और पुण्य कमा लेते हैं। हमारे गुरुजी ध्यान साधना करते हैं। क्या आप भी ध्यान साधना करते हैं ? जी हाँ पूरी निष्ठा से यम-नियम का…

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क्या सीखा गुरुओं से स्तुति वंदन और नामजाप के सिवाय
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क्या सीखा समाज ने गुरुओं से नामजाप, स्तुतिवंदन कीर्तन भजन के सिवाय ?

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एक महान गुरु से भेंट हुई मेरी और बताया गया कि इनमें बहुत सिद्धि है, इनकी आयु सवा सौ वर्ष से भी अधिक है और अभी भी पूर्णतः स्वार्थ हैं। जो भी इन्हें पूजता है, या इनके प्रति समर्पित होता है उनके सभी दुःख और कष्ट दूर हो जाते हैं। मैंने उनसे पूछा कि वे…

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क्रांतिकारी गुरुओं की हत्या अक्सर शिष्य ही करते हैं

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ओशो ने कहा था, “अक्सर गुरुओं की हत्या शिष्य ही करते हैं !” और यह बिलकुल सच है कि क्रांतिकारी गुरुओं की हत्या अक्सर शिष्य ही करते हैं। और क्रांतिकारी गुरुओं की हत्या करने की प्रथा प्राचीनकाल से अनवरत चली आ रही है। क्रांतिकारी गुरु की हत्या का सबसे प्रथम प्रयास तब होता है, जब…

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guruon se bhi mukt ho jao
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स्वविवेक का महत्व: गुरुओं से भी मुक्त हो जाओ

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अधिकांश गुरुओं ने कहा कि गीता पढ़ो, बाइबल पढ़ो, वेद, उपनिषद, कुरान पढ़ो। लेकिन कुछ ही गुरुओं ने कहा कि स्वयं को दड़बों से मुक्त करो, स्वयं गुरुओं से भी मुक्त करो, प्रकृति (Nature) को पढ़ो, स्वयं को पढ़ो, स्वयं को जानो। जिन गुरुओं ने स्वयं को गुरुओं से भी मुक्त होने के लिए कहा,…

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सैक्स और मांसाहार से सर्वाधिक घृणा क्यों
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आध्यात्मिक गुरुओं को सैक्स और मांसाहार से सर्वाधिक घृणा क्यों है ?

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आध्यात्मिक, धार्मिक, सात्विक लोगों की शिक्षाओं पर ध्यान दें, तो पाएंगे कि उन्हें सैक्स और मांसाहार से सर्वाधिक घृणा है। चाहे कोई भी दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरु रहा हो, यहाँ तक कि ओशो को भी यदि सुनें तो पाएंगे कि वे भी सैक्स और मांसाहार के विरुद्ध थे। अर्थात जो व्यक्ति सैक्स और मांसाहार से मुक्त…

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सनातन धर्म की कोई पुस्तक नहीं है !
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मानव निर्मित विधि-विधानों की पुस्तकें हैं, लेकिन सनातन धर्म की कोई पुस्तक नहीं है !

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गौतम बुद्ध आए और “बुद्धम शरणम गच्छामी” का मन्त्र दे गए जपने के लिए। नानक आए और “एक ओंकार सतनाम” मन्त्र दे गए जपने के लिए। ठाकुर दयानन्द देव आए और “जय-जय दयानन्द, प्राण गौर नित्यानन्द” मन्त्र दे गए जपने के लिए। श्री आनन्दमूर्ति जी आए और “बाबा नाम केवलम” मन्त्र दे गए जपने के…

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क्यों पूजते हैं हम नेताओं अभिनेताओं और गुरुओं को
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ना तो ये लोग प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर विश्वास करते हैं ना ही Homeopathy पर

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प्रायोजित #Sponsored फर्जी महामारी का आतंक फैलाकर घर-घर जाकर फर्जी सुरक्षा कवच चेपने के बाद….अब ये कौन सी नयी नौटंकी शुरू कर दिया फार्मा माफियाओं के जरखरीद गुलाम सरकारों ने ? जया किशोरी हो, या मुरारी बापू या ऐसे ही अन्य कोई कथावाचक कुछ भी गलत नहीं कर रहे। जनता के जीवन में इतना दुख…

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गुरु मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
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गुरु मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं

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आप गृहस्थ हों या त्यागी, बैरागी, साधु, संन्यासी। आप ईश्वर की खोज में निकले हैं, या शांति, मोक्ष की खोज में। आप राजनैतिक सत्ता और शक्तियाँ प्राप्त करना चाहते हैं या फिर तांत्रिक, दैवीय, अलौकिक ऋद्धि-सिद्धियाँ। आप देसी हों, विदेशी हों, शहरी हों, ग्रामीण हों या आश्रमवासी। चाहे आप जो कुछ हों, बिना धन के…

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दुर्भाग्य से आज गुरु दुर्लभ हो गए

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पिता, शिक्षक #Teacher और गुरु में अंतर होता है। गुरु को पिता से भी अधिक महत्व दिया गया है। जानते हैं क्यों ? पिता अपने बच्चे को अपनी तरह बनाना चाहता है या फिर वह बनाना चाहता है, जो वह स्वयं नहीं बन पाया। क्योंकि पिता अपनी संतानों को अपनी संपत्ति और अपना विस्तार (वंश)…

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चमत्कारी गुरु
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चमत्कारी बाबाओं और गुरुओं ने समाज को माफियाओं का गुलाम बना दिया

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कहते हैं लोग कि जिसे गुरु नहीं मिला, उसका जीवन अंधकारमय रहता है, उसके जीवन में कभी भी सत्य का प्रकाश प्रवेश नहीं कर पाता। क्योंकि गुरु ही है, जो जीवन में छाए अंधकार को दूर कर सकता है। लेकिन क्या जीवित या मृत चमत्कारी गुरु किसी के जीवन के अंधकार को दूर कर पाते…

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