स्वयं को जानने का समय नहीं, क्योंकि भेड़चाल में दौड़ रहे हैं सब
यदि भेड़चाल में न दौड़ो, तो समाज, सरकार और परिवार की नजर में निकम्मा, कामचोर, मुफ्तखोर। और दौड़ों तो स्वयं से ही अजनबी बन जाओ और भूल जाओ कि तुम स्वयं क्या हो और क्यों हो ? सारी व्यवस्था ऐसी बना दी गयी है कि इंसान स्वयं को जानने समझने के लिए समय ही ना…