गुरु की सीख और अनुयायी की व्याख्या: एक विचारणीय संवाद
भक्त/अनुयायी:“हमारे गुरुजी महान थे, वही एकमात्र गुरु हैं और उनसे पहले ना तो कोई गुरु पैदा हुआ और ना उनके बाद हुआ। हमारे गुरुजी ने जो कहा, जो लिखा वही परमसत्य है, उसके सिवाय कुछ भी सत्य नहीं है।” जागृत व्यक्ति:“आपके गुरु ने जो भी कहा या लिखा, वह किसलिए कहा और लिखा?” भक्त/अनुयायी:“हमारे गुरुजी…