मायावी संसार में झूठ ही आधार है सुखी समृद्ध जीवनका
वैश्यों की दुनिया में यदि खरीदना/बेचना ना आता हो, जीवन व्यर्थ है। आप सच बोलकर कुछ भी नहीं बेच सकते। सच भी बेचना हो, तो झूठ का सहारा लेना पड़ता है। क्योंकि माफियाओं ने समाज ही ऐसा बना दिया है, जो झूठ पर ही विश्वास करता है। नेता जब तक झूठ ना बोले, जनता विश्वास…