जनता

लोकतन्त्र या माफिया तन्त्र
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क्यों समाज आज तक पाखण्डवाद के विरुद्ध नहीं हो पाया ?

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सदियों से लोग धार्मिक ग्रन्थों को पढ़ते आ रहे हैं। सदियों से लोग एडुकेशन के नाम पर बड़ी-बड़ी डिग्रियाँ बटोरते आ रहे हैं। सदियों से लोग गुरुओं, सद्गुरुओं के नैतिक, सात्विक, धार्मिक उपदेश और प्रवचन सुनते आ रहे हैं। लेकिन क्या रूपान्तरण हुआ समाज, सरकार, परिवार और व्यक्तियों में ? यदि ध्यान दें तो समाज…

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