कागज़ की डिग्रियाँ बटोरने के लिए नहीं हुआ मानव का जन्म
बचपन में अंडमान निकोबार के एक द्वीप में हम उम्र आदिवासियों के साथ खेलते समय शायद यह कभी नहीं ध्यान में आया होगा कि जीवन का उद्देश्य चंद कागज़ के टुकड़े बटोरना मात्र है। समुद्र के किनारे रेत पर दौड़ना, या मछली पकड़ना या जंगल में हिरण पकड़ने के लिए फंदा लगाना, बस यही जीवन…