कहानी

sangharsh gulami se aajadi ke liye
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बुलबुल का संघर्ष स्वतन्त्रता के लिए

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“प्रश्न: “जब आप माफियाओं और उनके चाकरों, गुलामों और भक्तों की आलोचना करते हो, उन्हें लुटेरा और प्रकृति का शत्रु कहते हो, तो फिर भला वे आपकी सहायता करेंगे क्यों ? और जब माफियाओं और लुटेरों की चाकरी, भक्ति, गुलामी ना करने वाले आप जैसे लोगों को सहायता मांगनी पड़ रही है स्वतन्त्र जीवन जीने…

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